इस्लामाबाद: पंजाब गृह मंत्रालय ने लाहौर हाईकोर्ट को अगाह किया है कि अगर जमात उद दवा के चीफ हाफिज सईद की नजरबंदी खत्म की जाती तो इससे पूरे प्रांत में अशांति के हालात बन सकते हैं। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक जेयूडी चीफ की रिहाई की अपील पर चल रही सुनवाई के दौरान पंजाब गृह मंत्रालय की ओर से कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया गया।
सुनवाई के दौरान हाफिज सईद के वकील एके खोखर ने कहा कि सईद की हिरासत गैर-कानूनी और आधारहीन है इसलिए कोर्ट को सईद के पक्ष में फैसला देते हुए उसकी नजरबंदी को खत्म करने का आदेश देना चाहिए। खोखर ने कहा, अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को मिलने वाली मदद रोकने की धमकी मिलने के बाद सईद को नजरबंद किया गया, सईद के खिलाफ यह कार्रवाई बगैर किसी मुकदमा दर्ज कराए हुई है।' इसपर सुनवाई कर रहे जज ने बताया कि प्रतिवादी के वकील ने इस केस में कभी अमेरिका के दबाव का उल्लेख नहीं किया है। प्रतिवादी का आवेदन न्यूज क्लिपिंग पर आधारित है।
वहीं गृह मंत्रालय ने लाहौर हाईकोर्ट को सौंपे अपने लिखित जवाब में कहा कि जेयूडी चीफ को फंड जमा करने से रोकने के लिए आतंकविरोधी कानून के तहत नजरबंद किया गया है। इस तरह से फंड जमा करना संयुक्त राष्ट्र के कई प्रस्तावों का उल्लंघन है। जवाब में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि मिनिस्ट्री के आदेशों का उल्लंघन करते हुए ईद उल अजहा के तीन दिनों में जेयूडी के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर चंदा इकट्ठा किया। इस संबंध में भी केस दर्ज कराया गया है।