कुआलालंपुर (मलेशिया ): मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा है कि फरार चल रहे इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक को भारत वापस नहीं भेजा जाएगा। इससे पहले भारत ने कहा था कि विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण अनुरोध पर मलेशिया सक्रियता से विचार कर रहा है। लेकिन अब मलेशियाई प्रधानमंत्री के बयान से साफ हो गया है कि वह जाकिर नाइक को भारत प्रत्यर्पित करने नहीं जा रहा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलेशियाई सरकार जाकिर नाइक को अपने यहां की स्थाई नागरिकता भी दे दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विवादास्पद इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक को प्रत्यर्पित करने के मुद्दे पर मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि हम उसे भारत वापस नहीं भेजेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक वह कोई समस्या पैदा नहीं करता, हम उसे प्रत्यर्पित नहीं करेंगे क्योंकि उसे स्थाई निवासी का दर्जा दिया जा चुका है। महातिर ने यह बयान भारत द्वारा प्रत्यर्पण की बातचीत को लेकर किए गए सवाल के जवाब में दिया।
भारत और मलेशिया के बीच आतंकवाद से निपटने को लेकर बढ़ते सहयोग के बावजूद जाकिर मलेशिया में शरण पाने में सफल रहा था। डॉक्टर के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाला जाकिर 1990 के दशक में टेलीविजन पर उपदेश देने लगा था। हालांकि उसके द्वारा दिए गए भाषणों को विवादास्पद मानते हुए कई देशों ने अपने यहां जाकिर की एंट्री पर बैन लगा दिया था। 51 वर्षीय जाकिर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के मामले में NIA जांच कर रही है। उसने जुलाई 2016 में तब भारत छोड़ा था जब बांग्लादेश में मौजूद आतंकियों ने दावा किया था कि वे जाकिर के भाषणों से प्रेरित हो रहे हैं। जाकिर के खिलाफ IRF की धारा 10 UA (P) और IPC की 120B, 153A, 295A, 298 and 505(2) धाराएं लगाई गईं हैं।