इस्लामाबाद: पाकिस्तान से सबसे तरजीही देश (मोस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा वापस लिए जाने के बारे में भारत से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। यह बात रविवार को पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कही। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े आर्थिक कदम उठाते हुए भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान से सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस ले लिया है। उसने पाकिस्तान को यह दर्जा 1996 में दिया था, हालांकि पाकिस्तान ने अभी तक भारत को यह दर्जा नहीं दिया है।
इतना ही नहीं शनिवार को भारत ने पाकिस्तान से आयात किए जाने वाले सभी सामान पर आयात शुल्क बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया है। जियो न्यूज की खबर के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के वाणिज्य सलाहकार अब्दुल रजाक दाऊद का कहना है कि सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस लेने की घोषणा के दो दिन बाद भी दिल्ली की ओर से इस्लामाबाद को इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।
दाऊद ने कहा, ‘‘हम भारत द्वारा सबसे तरजीही देश का दर्जा वापस लिए जाने के मसले को देख रहे हैं। इस मुद्दे पर हम भारत से बात कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मसले को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विभिन्न मंचों पर उठा सकता है क्योंकि दोनों देश इस अंतरराष्ट्रीय संगठन के सदस्य हैं।
सबसे तरजीही देश के दर्जे के तहत उस देश को निर्यात करने वाले देश के साथ गैर-विभेदकारी व्यवहार किया जाता है। इसमें मुख्य तौर पर सीमाशुल्क एवं अन्य शुल्कों के नियमों को आसान बनाया जाता है।