बीजिंग: मालदीव में जारी राजनीतिक संकट पर इस समय पूरी दुनिया की नजरें लगी हैं। जहां पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भारत के दखल की मांग कर रहे हैं वहीं चीन का जोर इसे मालदीव का आंतरिक मामला करार देते हुए अन्य देशों को दूर रखने पर है। अब चीन इस संकट को सुलझाने के लिए एक नया प्लान लेकर आया है। चीन ने मालदीव में संयुक्त राष्ट्र के किसी भी तरह के हस्तक्षेप का विरोध करते हुए गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से वहां के राजनीतिक दलों के लिए बातचीत की व्यवस्था में ‘मदद करने’ और देश के राजनीतिक संकट का हल करने का आह्वान किया।
मालदीव की स्थिति पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बीजिंग में कहा कि चीन संकट के हल के लिए मालदीव के प्रमुख राजनीतिक दलों की मदद करने का समर्थन करता है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने स्थिति के हल के लिए सर्वदलीय वार्ता की व्यवस्था करने की पेशकश की थी जिसके बाद बैठक बुलाई गई। चीन लगातार यह बात कहता रहा है कि वर्तमान संकट मालदीव का आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी अन्य पक्ष का दखल नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि चीन ने मालदीव में बड़े पैमाने पर निवेश कर रखा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन मालदीव में संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप के खिलाफ है, गेंग ने कहा, ‘मैंने अपना रूख साफ कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मालदीव की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए और संबंधित दलों के बीच वार्ता को लेकर मदद मुहैया कर इस संबंध में एक सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।’ मालदीव के दलों को बाहरी समर्थन मुहैया कराने के चीन के रूख को उसके पुराने रूख में हल्के बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।