टोक्यो: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे उत्तर कोरिया पर अपने आक्रामक रूख के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते आज बाल्टिक और अन्य यूरोपीय देशों की यात्रा पर रवाना हुए। दक्षिण कोरिया में शीतकालीन ओलंपिक में उत्तर कोरिया के भाग लेने के साथ तनाव कम होने के बावजूद शिंजो आबे ने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर उत्तर कोरिया पर ‘‘अधिकतम दबाव’’ बनाने पर जोर दिया। आबे एस्तोनिया, लात्विया, लिथुआनिया, बुल्गारिया, सर्बिया और रोमानिया की यात्रा करेंगे। वह इन देशों की यात्रा करने वाले पहले जापानी प्रधानमंत्री हैं। (अमेरिकी सेना की चेतावनी, आईएस के आतंकी आत्मसमर्पण करें या मरने को तैयार रहें )
रवाना होने से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष पेश आ रहे उत्तर कोरिया और अन्य आवश्यक मुद्दों पर सहयोग जुटाना चाहता हूं।’’ अपनी यात्रा के दौरान आबे छह देशों के प्रमुखों से मिलेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि कारोबारी संबंध विकसित करने के लिए 30 से अधिक कंपनियों के प्रतिनिधि भी उनके साथ जा रहे हैं। जापान इस क्षेत्र में अपनी भूमिका बढ़ाना चाहता है। यहां पर चीन ने पहले ही अपनी भूमिका बढ़ाई है।
आबे जिन छह देशों की यात्रा पर जा रहे हैं वे उन 16 मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों में से हैं जो चीन के साथ वार्षिक बैठक करते हैं। चीन एक लाख करोड़ डॉलर से ‘‘वन बेल्ट, वन रोड’’ पहल को आगे बढ़ा रहा है जिसका मकसद एशिया से यूरोप और अफ्रीका तक रेल, समुद्री तथा सड़क संपर्क विकसित करना है। आबे का बुधवार तक जापान लौटने का कार्यक्रम है।