कराची | महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान में दूध जैसी रोजमर्रा की चीजों की कीमत पहले से ही बढ़ी हुई थी और अब मुहर्रम के अवसर पर यह कीमतें सातवें आसमान पर पहुंच गईं हैं। देश के सबसे बड़े शहर कराची और सिंध प्रांत में दूध की कीमत एक सौ चालीस रुपये (पाकिस्तानी) प्रति लीटर तक पहुंच गई है। सिंध सरकार ने कहा है कि उसने मामले का संज्ञान लिया है और डेयरी फार्म मालिकों के साथ 13 सितम्बर को एक बैठक बुलाई है।
एक पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया है कि 'डेयरी माफिया' मुहर्रम के अवसर पर दूध की बढ़ी मांग के बीच नागरिकों से लूटमार पर उतर आया है और मनमानी कीमत वसूल रहा है।
मोहर्रम की नौ और दस तारीख को लोगों के बीच बांटने के लिए दूध का शरबत, खीर आदि बनाई जाती है। बढ़ी मांग के बीच दूध विक्रेताओं ने दाम बेतहाशा बढ़ा दिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक प्रशासन और सिंध की हुकूमत को लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है और वे अपनी आंखें बंद किए हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूध की दुकानें हर समय खुली रखने के बजाए सुबह और शाम के समय चंद घंटे के लिए ही खोली जा रही हैं। ऐसे में दूध का मिलना कोई आसान काम नहीं रह गया है।
दूध की सरकार द्वारा तय कीमत भी कोई कम नहीं है। सरकार ने एक लीटर दूध की कीमत 94 रुपये लीटर तय की हुई है लेकिन यह कभी भी एक सौ दस रुपये लीटर से कम पर नहीं मिलता। अब मुहर्रम में यह एक सौ चालीस रुपये लीटर तक पहुंच गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूध के थोक विक्रेताओं का कहना है कि उन्होंने दूध के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। मांग अधिक होने से दुकानदार इसका फायदा उठा रहे होंगे, उनकी इसमें कोई गलती नहीं है।