रामल्ला: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से पहली बार आमने-सामने मिलेंगे। फलस्तीन के इस नेता को उम्मीद है कि अरबों के कारोबारी रहे ट्रंप का अप्रत्याशित रूख लंबे समय से रूके हुए शांति प्रयासों को जीवन प्रदान कर सकता है। (दक्षिण और मिडवेस्ट में तूफान और बाढ़ आने से कम से कम 14 लोगों की मौत)
अब्बास वाशिंगटन जाते रहते हैं लेकिन यह उनके अपने देश में पसंद नहीं किया जाता। उन्हें आशा है कि दुनिया की सबसे पुरानी समस्याओं में से एक समस्या का द्वि-राष्ट्रीय समाधान करने के लिए ट्रंप इस्राइल के रूख में नरमी लाने के लिए उस पर दबाव डाल सकते हैं। फलस्तीनी अधिकारियों को लगता है कि सीरिया युद्ध और इस्लामिक स्टेट समूह के आतंकवादियों के करण पैदा हुई वैश्विक चिंताओं के चलते उनका मुद्दा धूमिल पड़ रहा है। वह चाहते हैं कि ट्रंप फिर से इसे दुनिया के सामने लेकर आएं।
यरूशलम में रहने वाले यूरोपीय अधिकारी ने एएफपी को नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, फलस्तीनी लोगों को आशा है कि ट्रंप का अप्रत्याशित रूख उनके पक्ष में जा सकता है। ये लोग निराश होने जा रहे हैं। वह किसी भी चीज के लिए सुनिश्चित नहीं हो सकते हैं। ट्रंप और अब्बास ने 11 मार्च को फोन पर बातचीत की थी। अब्बास का कार्यकाल साल 2009 में ही समाप्त होने वाला था लेकिन वह अभी भी पद पर हैं क्योंकि यहां चुनाव नहीं हुए हैं।