काठमांडू: नेपाल सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) टूट की ओर बढ़ चली है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के नेतृत्व वाले खेमे ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को सह अध्यक्ष पद से हटाते हुए माधव कुमार नेपाल को यह जिम्मेदारी दे दी है। इससे पहले ओली ने संगठन पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को पार्टी की आम सभा के आयोजन के लिए 1199 सदस्यीय नई समिति का गठन किया था। प्रचंड नीत खेमे ने केंद्रीय समिति की बैठक में वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल को सर्वसम्मति से पार्टी का दूसरा अध्यक्ष नियुक्त किया। प्रचंड पार्टी के पहले अध्यक्ष हैं।
केंद्रीय समिति की सदस्य रेखा शर्मा ने कहा, ''पार्टी के नियमानुसार अब प्रचंड और नेपाल बारी-बारी से बैठकों की अध्यक्षता करेंगे।'' काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट में शर्मा के हवाले से कहा गया, ''पार्टी के खिलाफ जाने के चलते ओली को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।'' इससे पहले दिन में सत्तारूढ़ दल के दो प्रमुखों में से एक ओली ने अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी की केंद्रीय समिति के अपने करीबी सदस्यों के साथ बैठक के दौरान नई समिति की घोषणा की।
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ओली ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को आश्चर्यचकित करते हुए रविवार को राष्ट्रपति से संसद भंग करने की सिफारिश कर दी और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई। ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच सत्ता के लिए लंबे समय से चल रहे संघर्ष के बीच यह कदम उठाया गया।
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'माई रिपब्लिका' की रिपोर्ट के मुताबिक, ओली ने केंद्रीय समिति में अपना बहुमत प्राप्त करने के लिए यह कदम उठाया है। नवगठित समिति में सत्तारूढ़ पार्टी की मौजूदा 446 सदस्यीय केंद्रीय समिति में 556 और सदस्यों को जोड़ा गया है। अपने खेमे के केंद्रीय समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि अगर कुछ नेता छोड़कर चले भी जाते हैं तो इससे पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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बैठक में उन्होंने काठमांडू में अगले वर्ष 18-23 नवंबर तक आम सभा के आयोजन का प्रस्ताव रखा। इससे पहले यह आयोजन 7-12 अप्रैल 2021 को होना तय था। ओली द्वारा नई समिति के गठन की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब सत्तारूढ़ दल का प्रतिद्वंद्वी खेमा भी पार्टी विभाजन की औपचारिक घोषणा करने की तैयारी में है।