Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. एशिया
  4. आतंकवादियों को ‘‘स्वतंत्रतता सेनानी’’ बताने से आतंक के खिलाफ लड़ाई हुई पेचीदा: चीनी जनरल

आतंकवादियों को ‘‘स्वतंत्रतता सेनानी’’ बताने से आतंक के खिलाफ लड़ाई हुई पेचीदा: चीनी जनरल

चीनी सेना के एक वरिष्ठ जनरल ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संयुक्त मोर्चा आगे बढ़ाने की कोशिशें जटिल हो गयी हैं क्योंकि कुछ देशों ने आतंकवादियों का चित्रण ‘‘स्वतंत्रता सेनानियों’’ के तौर पर करके आतंकवाद की परिभाषा का ‘‘दुरुपयोग’’ किया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 23, 2019 18:45 IST
china, terrorism, muslim, freedom fighters- India TV Hindi
Image Source : AGENCY Portraying terrorists as ''freedom fighters'' complicating fight against terror: Chinese General

बीजिंग: चीनी सेना के एक वरिष्ठ जनरल ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संयुक्त मोर्चा आगे बढ़ाने की कोशिशें जटिल हो गयी हैं क्योंकि कुछ देशों ने आतंकवादियों का चित्रण ‘‘स्वतंत्रता सेनानियों’’ के तौर पर करके आतंकवाद की परिभाषा का ‘‘दुरुपयोग’’ किया है। दो दिवसीय बीजिंग शियांगशान फोरम को संबोधित करते हुए मेजर जनरल वाग जिंगवू ने इस संबंध में तुर्की, फिलीपीन, इंडोनेशिया और मलेशिया का नाम लिया जहां उन्होंने कहा कि आतंकवादी अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने इसमें पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। 

Related Stories

आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर फोरम में भाग लेने वाले चीनी और विदेशी रक्षा विशेषज्ञों ने कहा कि ऑनलाइन आतंकवादी गतिविधि बढ़ने से लेकर राज्य प्रायोजित आतंकवाद तक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नयी जटिल चुनौतियों का सामना कर रही है। सरकारी समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ की खबर के अनुसार, जनरल वांग ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की कोशिशें जटिल हो गयी हैं क्योंकि कुछ देश अपने राष्ट्रीय हित साधने के लिए आतंकवाद की परिभाषा और आतंकवाद के खिलाफ तंत्र का ‘‘दुरुपयोग’’ कर रहे हैं। 

अखबार ने वांग के हवाले से कहा, ‘‘किसी एक देश में आतंकवादियों को ‘स्वतंत्रता सेनानी’ माना जा सकता है और किसी अन्य देश से समर्थन मिल सकता है। अगर हमारी इस पर साझा सहमति नहीं है कि आतंकवाद क्या है तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के वैश्विक प्रयास बहुत मुश्किल हो जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि इन मुद्दों से निपटने के लिए राष्ट्रों को मानवता के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों तथा अपने लक्ष्यों को साधने के लिए हिंसा के इस्तेमाल के खिलाफ सहमति बनानी चाहिए। गौरतलब है कि वर्षों से पाकिस्तान की ओर से आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिए जाने का आरोप लगा रहे भारत ने 1986 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते (सीसीआईटी) का प्रस्ताव दिया था। लेकिन आतंकवाद की परिभाषा पर आम सहमति न बन पाने के कारण यह अब भी अटका हुआ है। 

वांग ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई कमजोर पड़ रही है क्येांकि ‘‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रमुख स्तंभों में से एक’’ अमेरिका ने हाल ही में अपनी कूटनीतिक प्राथमिकताएं बदल लीं। चीन ने सीरिया से अमेरिकी बलों की अचानक वापसी पर चिंता जतायी है। उसने आशंका जतायी कि इससे इस्लामिक स्टेट के कई आतंकवादी बच जाएंगे और हिंसा बढ़ाने की राह पर लौट जाएंगे। उसने आशंका जतायी कि इन आतंकवादियों में से कई चीन के संवेदनशील शिनजियांग प्रांत के उइगर हैं। 

वांग ने कहा कि तुर्की, फिलीपींस, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के अलावा आतंकवादी प्रोपैगेंडा फैलाकर, नयी भर्तियां करके और सोशल मीडिया के जरिए अपने अभियान का वित्त पोषण करके आभासी दुनिया में पांव पसार रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए अब इंटरनेट नया युद्ध क्षेत्र है और आतंकवाद से लड़ना कठिन कार्य है जिसके लिए वैश्विक समुदाय के अथक प्रयासों की आवश्यकता होगी।’’

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement