यंगून: बौद्ध बहुल देश म्यांमार की संवेदनशील यात्रा की शुरुआत करते हुए पोप फ्रांसिस ने देश के शक्तिशाली सेना प्रमुख से मुलाकात की। रोहिंग्या मुस्लिम के खिलाफ बर्बर सैन्य कार्रवाई को लेकर म्यांमार वैश्विक आलोचना का सामना कर रहा है। ऐसे में उनका यह दौरा संवेदनशील माना जा रहा है। 80 वर्षीय पोप यंगून मे आर्कबिशप के निवास पर सैन्य प्रमुख मिन आंग हलिंग से मिले। पोप अपनी म्यामां यात्रा के दौरान यहीं ठहरेंगे। (पाकिस्तान में परिजनों ने की नवविवाहित दंपत्ति की हत्या)
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने म्यांमार की सेना पर रोहिंग्या मुस्लिमों के जातीय सफाया का आरोप लगाया है। अगस्त से अब तक म्यांमार के उत्तरी रखाइन राज्य से 6,20,000 से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम पड़ोसी बांग्लादेश भाग चुके हैं।
पोप फ्रांसिस के चार दिवसीय दौरे से म्यांमार पर दबाव और बढ़ गया है। पोप ने इस समुदाय को ‘‘ भाई और बहन ’’ कह कर संबोधित किया है। वैटिकन प्रवक्ता ग्रेग बर्के ने बताया कि पोप और सेना प्रमुख की मुलाकात 15 मिनट चली और इसमें उन्होंने इस संक्रमण काल में देश के अधिकारियों की जिम्मेदारी पर चर्चा की। इसके पहले यंगून हवाई अड्डे पर पोप का स्वागत किया गया।