नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब पहुंचे चुके हैं। प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए रणनीतिक साझेदारी परिषद का गठन करने के लिए दोनों पक्षों के बीच करार होंगे। मोदी रियाध में मंगलवार को आयोजन होने जा रहे तीसरे फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम के पूर्ण सत्र में भी शिरकत करेंगे।
प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा, "भारत और सऊदी अरब के बीच परंपरागत रूप से करीबी दोस्ताना रिश्ता है। सऊदी अरब भारत की ऊर्जा की जरूरतों की पूर्ति करने वाले सबसे बड़े देशों में शुमार है।" उन्होंने कहा, "क्राउन प्रिंस फरवरी में नई दिल्ली के अपने दौरे के दौरान भारत में प्राथमिकता के क्षेत्रों में 100 अरब डॉलर का निवेश करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।"
उन्होंने कहा, "रक्षा, सुरक्षा, व्यापार संस्कृति, शिक्षा और लोगों के बीच परस्पर संपर्क सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय सहयोग के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं।" इस दौरे के दौरान रणनीतिक साझेदारी परिषद की स्थापना के लिए करार से भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को एक नई ऊंचाई मिलेगी। फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम में मोदी भारत में वैश्विक निवेशकों के लिए बढ़ते व्यापार और निवेश के अवरों के संबंध में चर्चा करेंगे, क्योंकि भारत 2024 तक 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है।
प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व प्रोग्राम के लिए वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी प्रोजेक्ट समेत प्रमुख ऊर्जा करार होंगे। महाराष्ट्र में 44 अरब डॉलर की वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी प्रोजेक्ट को दोनों देश अंतिम रूप प्रदान कर सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में सऊदी अरामको की बड़ी हिस्सेदारी है। भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व प्रोग्राम पर भी करार हो सकता है। इस प्रोग्राम के तहत तीन बड़े भूमिगत भंडारण केंद्र शामिल हैं, जिसका निर्माण भारत ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर रहा है।