बिश्केक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय रिश्तों के सभी पहलुओं की समीक्षा की। पिछले महीने भारत में लोकसभा चुनाव में भाजपा की जबरदस्त जीत के बाद मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं ने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की। बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि यह बहुत संक्षिप्त मुलाकात थी लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण रही।
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत में रक्षा और ऊर्जा के विषयों पर विशेष ध्यान दिया गया। दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश संबंधों की भी समीक्षा की तथा आगे की यात्रा पर बढ़ने की बात कही। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेठी में एके-203 कलाशनिकोव राइफल उत्पादन इकाई के लिए दिये गये समर्थन पर रूसी राष्ट्रपति का आभार जताया। यह भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम है। अमेठी के पास कोरवा में मार्च महीने में मोदी ने इस इकाई का उद्घाटन किया था।
राष्ट्रपति पुतिन ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत योगदान की प्रशंसा की और कहा कि रूस ने द्विपक्षीय रिश्तों के विकास में उनकी पहल के लिए उन्हें अपने सर्वोच्च राजकीय सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्तले’ से सम्मानित किया।
गोखले ने बताया कि इस महीने के आखिर में जापान के ओसाका में जी-20 सम्मेलन से इतर रूस, भारत और चीन की त्रिपक्षीय बैठक होगी।उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने सितंबर में रूस के व्लादीवोस्तक में आयोजित होने वाले ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया और मोदी ने उत्साह से निमंत्रण स्वीकार किया। गोखले के अनुसार मोदी ने पुतिन से कहा कि हम अपनी तरफ से इस बैठक में साझेदारी को सफल बनाने के लिए पूरी गंभीरता से तैयारी करेंगे।
एक प्रश्न के जवाब में गोखले ने कहा कि किसी क्षेत्रीय या अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित था कि अगले सालाना सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री की यात्रा को कैसे सफल बनाया जाए।