दुबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में बोलते हुए दुनिया को खुशहाली लाने के लिए एक नए मंत्र से परिचित कराया है। उन्होंने सतत विकास की अवधारणा के संदर्भ में बोलते हुए रहा कि आज के समय में इस रास्ते पर 6 महत्त्वपूर्ण कदम हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए PM ने 6R यानी रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल, रिकवर, रीडिजाइन और रीमैन्युफैक्चर का उल्लेख किया। मोदी ने कहा कि इन 6 कदमों से हम जिस मंजिल पर पहुंचेंगे वह रिजॉइस यानी आनंद की होगी।
PM मोदी ने कहा, ‘वर्ल्ड गवर्नेंट समिट’ में मुझे मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना न सिर्फ मेरे लिए बल्कि 125 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व की बात है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में 33 लाख भारतीयों को अपनापन मिला है, इसके लिए भारत आपका कृतज्ञ है। उन्होंने दुबई को दुनिया के लिए एक उदाहरण बताते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने एक रेगिस्तान को बदल दिया, यह चमत्कार है। PM मोदी ने दुनियाभर में मिसाइल और बम बनाने में हो रहे भारी निवेश पर चिंता जताते हुए प्रौद्योगिकी के गलत इस्तेमाल के प्रति दुनिया को आगाह किया और कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल विनाश के लिए नहीं बल्कि विकास के लिए होना चाहिए।
‘वर्ल्ड गवर्नेंट समिट’ को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा, ‘सभी तरह के विकास के बावजूद भी अभी तक गरीबी और कुपोषण समाप्त नहीं हो सका है। वहीं दूसरी ओर हम मिसाइल और बम के निर्माण में धन, वक्त और संसाधन का बड़ा हिस्सा लगा रहे हैं। हमें तकनीक का उपयोग विनाश के लिए नहीं बल्कि विकास के साधन के रूप में करना चाहिए।’ उन्होंने कुछ लोगों द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग करके साइबर जगत में अतिवाद फैलाने के प्रयासों पर भी चिंता जताई। इसके पीछे उनका इशारा जिहादियों द्वारा लोगों को भर्ती करने के लिए साइबर नेटवर्क का इस्तेमाल करने की तरफ था।
मोदी ने कहा कि कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे मानव टेक्नोलॉजी को प्रकृति पर विजय का ही नहीं उससे संघर्ष का साधन बनाने की भूल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने गरीबी, बेरोजगारी, एजुकेशन, हाउसिंग और तमाम मानव विपत्तियों से जुड़ी चुनौतियां हैं। PM मोदी ने कहा कि इन चुनौतियों पर विजय सिर्फ सबके साथ से ही संभव है, इसीलिए मेरी सरकार का मंत्र 'सबका साथ सबका विकास है'। ‘वर्ल्ड गवर्नेंट समिट’ के छठे संस्करण में भारत अतिथि देश के रूप में शामिल हुआ है, जिसमें 140 देशों के 4,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।