पारो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भूटान पहुंचे। वह द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भूटान के नेताओं से बातचीत करेंगे। यह प्रधानमंत्री की भूटान की दूसरी यात्रा है और दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद से पहली यात्रा है। भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने हवाई अड्डे पर मोदी का स्वागत किया। यहां आगमन पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। नयी दिल्ली में शुक्रवार को रवाना होने से पहले एक बयान में प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार के मौजूदा कार्यकाल की शुरुआत में यह यात्रा दिखाती है कि भारत अपने विश्वसनीय मित्र एवं पड़ोसी भूटान के साथ संबंधों को कितना महत्व देता है।
मोदी ने भरोसा जताया था कि उनकी भूटान यात्रा ‘‘मजबूत संबंधों को बढ़ावा देगी और हमारी महत्वपूर्ण दोस्ती को प्रोत्साहित करेगी तथा दोनों देशों के लोगों की प्रगति एवं समृद्ध भविष्य को और मजबूत करेगी।’’ यात्रा के दौरान मोदी द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और अपने भूटानी समकक्ष से बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री प्रतिष्ठित रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान में युवा छात्रों को भी संबोधित करेंगे।
पूरी दुनिया की नजरें प्रधानमंत्री मोदी के भूटान दौरे पर टिकी हुई है। वहीं चीन बेचैन है और पाकिस्तान परेशान है। ये दौरा कितना अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से ठीक पहले अमेरिका के उप विदेश मंत्री जॉन सुविलियन भूटान पहुंचे। यकीन मानिए दुनिया के नक्शे पर छोटा सा मुल्क भूटान में चीन और अमेरिका की कूटनीति भी बढ़ती जा रही है।
भूटान में भारत की राजदूत रुचिरा कुमार के मुताबिक 10 समझौतों पर दस्तखत के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी पांच परियोजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे। सार्क देशों में भूटान भारत का सबसे भरोसेमंद देश रहा है। जब 2018 में भारत और भूटान के राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे हुए थे तो भूटान के प्रधानमंत्री भारत आए थे।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर उनके शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए थे। पीएम मोदी ने कहा है कि वह भूटान नरेश, भूटान के पूर्व नरेश और भूटान के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर फलदायी बातचीत करने को लेकर उत्साहित हैं। मोदी इस यात्रा में भूटान की प्रतिष्ठित ‘रॉयल यूनिवर्सिटी’ के छात्रों को भी संबोधित करेंगे।