पांच दिवसीय यात्रा पर निकले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते मंगलवार को चीन में ब्रिक्स सम्मेलन समाप्त होने के बाद म्यांमार पहुंचे। पीएम मोदी ने बुधवार को आंग सान सू की से मुलाकात की। अपनी इस द्विपक्षीय बैठक में बारत और म्यांमार के बीच की अहम समझौते हुए। पीएम मोदी और सू की के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत हुई। पीएम मोदी ने कहा कि म्यांमार की सभी चुनौतियों को भारत समझता है। अभूतपूकर्व स्वागत के लिए पीएम मोदी ने म्यांमार की सरकार को धन्यवाद किया, पीएम मोदी ने कहां कि यहां आकर ऐसा लग रहा है मानो में अपने घर पर बैठा हूं। पीएम मोदी ने बैठक में रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा भी उठाया। पीएम मोदी ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि रोहिंग्या समाज के पलायन पर भारत भी चिंतित है। पीएम मोदी ने सू की को विश्वास जताते हुए कहा कि भारत म्यांमार की शांति प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेगा। पीएम मोदी ने भारत में कैद म्यांमार के 40 कैदियों को भी छोड़ने की बात कही। (ईरान के साथ कोई भी संबंध नहीं रखना चाहता सऊदी अरब)
बीत मंगलवार उन्होंने म्यांमार के राष्ट्रपति यू हतिन क्याव से मुलाकात की। यू हतिन क्याव के साथ उनकी यह मुलाकात काफी सुखद रही। दोनों नेताओं के बीच रिश्तों को मजबूत करने को लेकर चर्चा हुई। मोदी ने अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा पर यहां पहुंचने के थोड़ी देर बाद म्यामां के राष्ट्रपति हतिन क्याव से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने मुलाकात की कुछ तस्वीरें ट्वीट कर कहा, राष्ट्रपति यू हतिन क्याव के साथ मुलाकात शानदार रही।
मोदी ने यात्रा से पहले कहा था कि भारत और म्यांमार सुरक्षा और आतंकवाद निरोध, व्यापार एवं निवेश, बुनियादी ढांचा एवं ऊर्जा और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने पर गौर कर रहे हैं। म्यांमार के राष्ट्रपति और आंग सान सू की ने पिछले साल भारत की यात्रा की थी। म्यांमार भारत के प्रमुख रणनीतिक पड़ोसी देशों में शामिल है और यह उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों के साथ 1,640 किमी लंबी सीमा साझा करता है।