लंदन: ब्रिटेन में बांग्लादेश की उच्चायुक्त सैदा मुना तस्नीम ने बताया कि बांग्लादेश में अगले महीने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के जन्मशती समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया गया है क्योंकि भारत ने देश की आजादी में बड़ी भूमिका निभाई थी। उच्चायुक्त ने कहा कि 17 मार्च को शुरू होने वाला समारोह एक साल तक चलेगा जिसमें बांग्लादेश के साथ-साथ ब्रिटेन में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ‘बंगबंधु’ या बंगाली राष्ट्र के पिता के तौर पर पहचाने जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती पर यह समारोह हो रहा है।
तस्नीम ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘जन्मशती समारोह के लिए आमंत्रित खास मेहमानों में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हैं। भारत के 1971 में बंगबंधु की घर वापसी के साथ गहरे संबंध हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस यात्रा की रूपरेखा यह रही कि वह (शेख मुजीबुर रहमान) पहले लंदन में रुके जहां उन्हें स्वतंत्र देश बांग्लादेश के राष्ट्रपति के रूप में आधिकारिक रूप से मान्यता मिली और उन्होंने 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर द्विपक्षीय बैठकें की। इसके बाद वह दिल्ली गए जहां उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ जनसभा की।’’
उन्होंने कहा कि गांधी ने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री एडवर्ड हीथ के साथ पाकिस्तान की कराची जेल से शेख मुजीबुर को रिहा कराने में सक्रिय भूमिका निभाई। तस्नीम ने कहा, ‘‘उन्होंने बंगबंधु की रिहाई में एक साथ मिलकर सक्रिय भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि उन्हें किसी तरीके से नुकसान न पहुंचे। इसलिए बांग्लादेश के अस्तित्व में आने के समय से ही भारत के साथ उसके संबंध स्पष्ट थे और बांग्लादेश-भारत संबंध आज तक मजबूत बने हुए हैं जैसे कि ब्रिटेन-बांग्लादेश संबंध।’’
भारतीय संसद द्वारा गत वर्ष दिसंबर में पारित संशोधित नागरिकता कानून के संदर्भ में उच्चायुक्त ने कहा कि इस कानून का असर बांग्लादेश के लिए हानिकारक है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है लेकिन साथ ही अनावश्यक है। बांग्लादेश में बंगाली हिंदू अच्छी स्थिति में है खासतौर से वित्तीय तौर पर क्योंकि उनके पास गणित और हिसाब किताब का विशेष कौशल है।’’
भारत के इस विवादित कानून को लेकर अशांति के बीच बांग्लादेश से कुछ लोगों ने जन्मशती समारोह के लिए मोदी को दिया निमंत्रण वापस लेने की मांग की लेकिन बांग्लादेशी सरकार ने इस मांग को ठुकरा दिया।