ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ मुहिम को ज़बरदस्त सफलता मिली है। ब्रिक्स में आतंकवाद पर प्रस्ताव लाने के बाद पाकिस्तान भी अब दवाब में आ गया है। पाकिस्तान ने खतरनाक आतंकी संगठन जमात उत दावा और फलाह इंसानियत के खिलाफ कार्रवाई की है। जमात उत दावा के लाहौर में दर्जन भर दफ्तरों को बुलडोजर से गिरा दिया गया, यहां तक की उसके सामान को नाले में फेंक दिया गया। जमात उत दावा के खिलाफ इस कार्रवाई को भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। (BRICS SUMMIT: जिनपिंग के साथ मुलाकात से पहले पीएम मोदी ने किया बिजनेस काउंसिल को संबोधित)
हालांकि, ब्रिक्स के आतंकवाद पर इस घोषणापत्र में कहीं से भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया, लेकिन उन सभी आतंकी संगठनों की लिस्ट बना ली गई जिनकी जड़े पाकिस्तान में हैं। तालिबान और अल क़ायदा पर भी पाकिस्तान घिर गया और अब एक दिन बाद लाहौर में हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात उत दावा और फलाह इंसानियत के दफ्तरों पर बुलडोजर को आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के रुप में देखा जा रहा है। खुद आतंकी संगठन को भी लगता है कि भारत ने ब्रिक्स के ज़रिए पाकिस्तान पर जो दबाब बनाया है उसी की वजह से जमात के ऑफिसों पर कार्रवाई हुई। यही वजह है कि आतंकी अब्दुल रहमान मक्की भारत के खिलाफ ज़हर उगल रहा है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आज दूसरे दिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आज द्विपक्षीय बैठक होगी। इस बैठक से पहले ही भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई जिसमें चीन ने भारत के साथ होने वाली बैठक में डोकलाम मुद्दे को लेकर कोई बातचीत नहीं करेंगे।