बीजिंग: चीन की सेना ने गुरुवार को कहा कि वह डोकलाम में अपने इलाके की एक-एक इंच की रक्षा करने के लिए सैनिकों की मौजूदगी और गश्त बढ़ाएगी, हालांकि उसने इलाके में सड़क निर्माण को लेकर कुछ नहीं बोला। भारतीय सैनिकों ने सड़क निर्माण को रोक दिया था जिसके बाद दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच गतिरोध आरंभ हुआ जो 73 दिनों तक चला। भारत और चीन के बीच गतिरोध बीते सोमवार को खत्म हुआ। यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से कुछ दिनों पहले हुआ है। मोदी वहां BRICS शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा रहे हैं।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओकियांग ने कहा, ‘चीन की सेना अपने मिशन और जिम्मेदारियों को निभाना, गश्ती और सैनिकों की तैनाती, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं संप्रभुता की रक्षा करना जारी रखेगी।’ बहरहाल, डोकलाम के इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सड़क निर्माण के कदम की बात को टाल गए। सड़क निर्माण को लेकर ही गतिरोध शुरू हुआ था। उन्होंने कहा, ‘परिदृश्य में बदलावों को देखते हुए हमने अपनी तैनाती के साथ सामंजस्य बैठाया है।’ रेन ने कहा, ‘चीनी पक्ष डोंग लांग (डोकलाम) में लंबे समय के लिए गश्ती जारी रखेगा ताकि अपनी सीमा की बेहतर ढंग से सुरक्षा की जा सके और इलाके में सैनिकों एवं आम लोगों के जीवन के हालात को सुधारा जा सके।’
उन्होंने कहा, ‘हमने बुनियादी ढांचे का निर्माण कराया है। भविष्य में मौसम सहिति विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे के निर्माण को लेकर योजना बनाना जारी रखेंगे।’ रेन ने उन खबरों को भी बकवास बताया जिनमें दावा किया जा रहा है कि चीन ने सैनिक हटाने की एवज में भारत को भारी-भरकम कर्ज का वादा किया। डोकलाम को चीन का अभिन्न हिस्सा करार देते हुए रेन ने कहा, ‘खूबसूरत पर्वत एवं नदियों का एक इंच भी गंवाया नहीं जा सकता। चीन की सेना डोकलाम में क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय संप्रभुता तथा एक-एक इंच की रक्षा के लिए अपना मिशन जारी रखेगी।’