नई दिल्ली: गलवान घाटी से पीछे भागने के बाद चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की हिमाकत की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया लेकिन चीन इस बात से साफ मुकर गया कि उसके सैनिकों ने सीमा पार करने की कोशिश की। चीनी विदेश मंत्रालय ने खुद को पाक साफ बताते हुए कहा है कि चीनी सैनिकों ने सख्ती से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) का पालन किया है।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चीनी सैनिकों ने हमेशा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल का सख्ती से पालन किया है और कभी सीमा को पार नहीं किया है। चीनी पक्ष ने यह भी कहा है कि जमीनी मुद्दे को लेकर दोनों देशों की सेनाओं की बीच बातचीत चल रही है।
इस बीच लद्दाख में चाइनीज आर्मी की एक साजिश का खुलासा हुआ है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई ताजा झड़प से पहले चीन ने लद्दाख इलाके में लड़ाकू विमान तैनात किए थे। जानकारी के मुताबिक, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वायु सेना (PLAAF) ने लद्दाख के पास अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान जे-20(J-20) को फिर से तैनात कर दिया था और वह अभी भी वहां व्यापक उड़ान भर रहे हैं।
वहीं यह खबर भी सामने आ रही है कि ड्रैगन सेना टैंक, 200 सैनिकों और गोला बारूद के साथ भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की थी लेकिन एलएसी पर मुस्तैद भारतीय जवानों ने दुश्मन की सेना को पीछे धकेल दिया। चीनी सेना इस इलाके में घुसपैठ में पूरी तरह से डटने के लिए आए थे।
झड़प के बाद रविवार को एक हाईलेवल मीटिंग रखी गई थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत और आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे मौजूद, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया, एनएसए अजीत डोभाल थे।
पैंगॉन्ग सो के सदर्न बैंक का मतलब है फिंगर एरिया के ठीक सामने Thakong इलाका जहां, भारतीय सेना की कमांडिंग यूनिट है। इसी के सामने दोनों सेनाओं में झड़प हुई। भारतीय सेना बातचीत के जरिए एलएसी पर शांति बनाए रखने की कोशिश में जुटी है लेकिन साथ ही चीन की किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब भी दिया जा रहा है। फिलहाल, इस मुद्दे को सुलझाने के लिए चुशूल में ब्रिगेड कमांडर लेवल की फ्लैग मीटिंग भी चल रही है।