इस्लामाबाद: पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर कहा गया है कि यदि जासूसी के जुर्म में दोषी ठहराए गए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव अपनी मौत की सजा को पलटवाने में नाकाम रहता है तो उसकी सजा की तामील शीघ्र की जानी चाहिए। अधिवक्ता मुजमिल अली ने विपक्ष के नेता एंव पूर्व सीनेट अध्यक्ष फारूक नाइक द्वारा कल एक याचिका दाखिल कराई है। (पाक के परमाणु कार्यक्रम ने दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन कायम किया: शरीफ)
याचिका में संघीय सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई है कि अगर कुलभूषण जाधव की ओर से कोई अपील लंबित है तो उस पर देश के कानून के अनुरूप शीघ्र कोई निर्णय लिया जाए। डॉन की आज की एक रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता ने शीर्ष न्यायालय से यह भी अपील की कि अगर जाधव अपनी सजा को पलटवाने में नाकाम रहता है तो उसकी सजा की तामील शीघ्र की जानी चाहिए। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी के जुर्म में उसे मौत की सजा सुनाई है।
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए जाधव पर कोई अंतिम आदेश के पहले उसकी फांसी की सजा की तामील पर रोक लगा दी थी।
याचिकाकर्ता ने अदलात से यह भी घोषणा करने की अपील की कि जाधव मामले पर कार्रवाई कानून से हिसाब से की गई है और पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है साथ ही उसे वह राजनयिक पहुंच भी मुहैया कराई गई है जिसकी मांग भारत ने की थी।