Friday, November 15, 2024
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चीन का कर्ज लौटाने के मूड में नहीं लग रहा है पापुआ न्यू गिनी, कहा- 'फालतू' के पैसे नहीं हैं

चीन ने दुनिया के तमाम कमजोर देशों को कर्ज बांटकर उनपर अपना प्रभाव जमाने की कोशिश काफी पहले ही शुरू कर दी थी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 15, 2020 10:28 IST
Papua New Guinea, Papua New Guinea China Loan, Papua New Guinea Huawei Loan- India TV Hindi
Image Source : AP FILE चीन ने दुनिया के तमाम कमजोर देशों को कर्ज बांटकर उनपर अपना प्रभाव जमाने की कोशिश काफी पहले ही शुरू कर दी थी।

पोर्ट मोर्सबी: चीन ने दुनिया के तमाम कमजोर देशों को कर्ज बांटकर उनपर अपना प्रभाव जमाने की कोशिश काफी पहले ही शुरू कर दी थी। चीन के वर्तमान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी इसी नीति को आगे बढ़ाया। उसकी इसी नीति के तहत कई देश उसके कर्ज के जाल में फंस गए, और उन्हें अपनी संप्रभुता के साथ समझौता करते हुए ड्रैगन की कुछ शर्तें माननी पड़ीं। हालांकि अब कुछ देश ऐसे भी हैं, जो चीन की इस दादागिरी के खिलाफ बोलना शुरू कर चुके हैं। इन्हीं में से एक देश है पापुआ न्यू गिनी, जिसने कहा है कि वह चीन के लगभग 53 मिलियन डॉलर (लगभग 400 करोड़ रुपये) के कर्ज को नहीं लौटाने के बारे में सोच रहा है। 

‘काम ही सही नहीं हुआ तो पैसा कैसा?’

पापुआ न्यू गिनी के संचार मंत्री टिमोथी मासियू ने कहा है कि चीन के एग्जिम बैंक से मिले लोन से बने नेशनल डेटा सेंटर से हमें वैसा कुछ भी हासिल नहीं हुआ, जैसा कि हमसे वादा किया गया था। बता दें कि टिमोथी के ही मंत्रालय के अंतर्गत सूचना तकनीक का विभाग भी आता है। टिमोथी ने कहा कि यदि हम दुकान से कोई सामान खरीदते हैं, और वह वादे के मुताबिक काम नहीं करता तो हम उसे लौटाकर अपना पैसा वापस ले लेते हैं। उन्होंने कहा कि डेटा सेंटर जिस मकसद से बनाया गया था, उसने वह काम ही नहीं किया, तो हम चीन का ये लोन क्यों चुकाएं?

'पहले ही अपने कर्जे चुकाने से जूझ रहे हैं'
टिमोथी ने आगे कहा कि हम पहले ही अपने तमाम कर्जे चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में यह लोन हमें क्यों वापस करना चाहिए? कुल मिलाकर टिमोथी का कहना है कि जब काम ही नहीं हुआ, तो हम फालतू के पैसे क्यों दें? दरअसल, पापुआ न्यू गिनी के नेशनल डेटा सेंटर के निर्माण में काफी हद तक चीन की कंपनी वावे (Huawei) के उपकरणों, और उसके इंजीनियरों द्वारा बताई गई तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि बाद में इस डेटा सेंटर में कई सुरक्षा कमियों का पता चला, इसके बाद से ही पापुआ न्यू गिनी कर्ज चुकाने में खुद को असमर्थ बता रहा है। वहीं, Huawei का कहना है कि ऐसा सरकार द्वारा इसके मेंटेनेंस में फंडिंग के लिए की गई कमी के चलते हुआ है।

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