इस्लामाबाद: पाकिस्तान अपने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके बच्चों के खिलाफ हाई प्रोफाइल पनामागेट मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सांसें थाम कर इंतजार कर रहा है। दरअसल इस प्रकार की अटकलें लगाई जा रही है कि शरीफ के खिलाफ फैसला आने से उन्हें पद छोड़ना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कल घोषणा की कि उसकी पांच सदस्यीय पीठ आज पनामा मामले पर फैसला देगी। मामले की शुरूआत तीन नवंबर को हुई थी और न्यायालय ने 23 फरवरी को कार्यवाही पूरी करने से पहले 35 सुनवाई की थीं। यह मामला लंदन में शरीफ के परिवार की कथित अवैध संपत्तियों के बारे में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ प्रमुख इमरान खान और अन्य की कई एक जैसी याचिकाओं पर आधारित है।
ये संपत्तियां तब सामने आई थीं जब लीक दस्तावेजों के एक संग्रह पनामा पेपर्स में दिखाया गया कि उनका प्रबंधन शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं। याचिकाओं में न्यायालय से अपील की गई है कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण 67 वर्षीय शरीफ को अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य करार दिया जाए। ऐसा माना जाता है कि सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री को शायद अयोग्य करार नहीं देगी लेकिन वह ऐसी टिप्पणियां कर सकता है जिससे शरीफ पर पद छोड़ने का नैतिक दबाव पड़ सकता है। विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के वरिष्ठ नेता मंजूर वासन ने कहा, मुझे नहीं लगता कि उन्हें अयोग्य करार दिया जाएगा लेकिन उनके नैतिक अधिकार पर असर पड़ सकता है। पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने एक निजी टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि यदि फैसला शरीफ के खिलाफ जाता है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा, जब सुप्रीम कोर्ट ने (तत्कालीन प्रधानमंत्री) यूसुफ रजा गिलानी को अयोग्य करार दिया था तो हमने इसका विरोध नहीं किया था। हमने एक अन्य प्रधानमंत्री को चुना। नवाज को भी ऐसा ही करना चाहिए। जरदारी ने कल पीपीपी की एक अहम बैठक की अध्यक्षता की और उन्होंने अदालत के आदेश के बाद राजनीतिक स्थिति का जायजा लेने के लिए आज एक अन्य बैठक बुलाई है। इस बीच इमरान खान और उनकी पार्टी ने घोषणा की कि निर्णय भले ही कुछ भी रहे, लेकिन उनकी पार्टी अगले चुनाव के लिए एक मुहिम शुरू करेगी। खान ने पार्टी नेताओं की कल एक बैठक की और उन्हें आगे का कदम तय करने के लिए इस्लाबाद में रहने को कहा है।
एक याचिकाकर्ता अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद अहमद ने कहा कि यह फैसला ऐतिहासिक होगा। इससे देश में राजनीतिक भूकंप आएगा। इस बीच शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने कई ट्वीट करके यह जताया कि प्रधानमंत्री निर्णय को लेकर चिंतित नहीं है। अदालत में और इसके आस पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। निर्णय का प्रभाव भले ही कुछ भी रहे लेकिन यह माना जाता है कि यह भ्रष्टाचार के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई में अहम होगा।