इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें पनामा पेपर मामले के आधार पर प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार देने का हवाला देते हुए कहा शनिवार को कहा कि जब उन्होंने दुबई स्थित अपने बेटे की कंपनी से कोई वेतन ही नहीं लिया तो वह इस संबंध में रिटर्न कैसे फाइल कर सकते थे। शरीफ को पिछले सप्ताह पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर घोटाले के संबंध में अयोग्य करार कर दिया था। उन्होंने 67 इसके तत्काल बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान शरीफ ने कहा कि अयोग्य साबित करने वाले विषय पर उन्हें काफी कुछ कहना है। हालांकि उन्होंने अभी चुप रहना ही सही समझा है। वह अब इस मुद्दे पर काफी कुछ समझने लगे हैं। खबर के मुताबिक शरीफ ने कहा है कि वह कैसे उस वेतन पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते जिसे उन्होंने कभी भी अपने बेटे की कंपनी से हासिल ही नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘जो कुछ भी मेरे साथ हुआ, वह आप सभी लोगों के सामने है। अगर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार या सार्वजनिक कोष के गलत इस्तेमाल का सबूत होता तो अयोग्य साबित करने के पीछे तर्क होता।’
पूर्व प्रधानमंत्री ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा, ‘मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है, जिससे देश की तरक्की में बाधा पहुंची हो। मैंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल किया लेकिन इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। मैं कानून के शासन में विश्वास रखता हूं।’ पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर हमला करते हुए शरीफ ने कहा कि पूर्व में तानाशाह रहनेवाले व्यक्ति ने तानाशाही को लोकतंत्र से बेहतर बताया है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं नहीं जानता हूं कि वह किस दुनिया में रह रहे हैं। उनमें यहां आने और जनता के बीच बोलने का साहस नहीं है।’ नवाज ने दावा किया कि मुशर्रफ उनसे साल 2007 में मिलना चाहते थे, जब वह देश वापस लौट रहे थे।