इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम शरीफ बहुचर्चित पनामागेट मामले की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के समक्ष आज पेश हुईं। मरियम (43) के साथ उनके पति मोहम्मद सफदर, भाई हुसैन नवाज और हसन नवाज, सूचना एवं प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब और प्रधानमंत्री के विशेष सहायक आसिफ किरमानी भी मौजूद थे।
मरियम यहां स्थित संघीय न्यायिक अकादमी (एफजेए) में 6 सदस्यीय जेआईटी के समक्ष पूछताछ के लिए लिए हाजिर हुईं। इस दल का गठन मई में सुप्रीम कोर्ट ने किया था। जेआईटी के 10 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट पेश करने की उम्मीद है। माना जा रहा हैं कि मरियम को शरीफ अपने उाराधिकारी के तौर पर तैयार कर रहे हैं।
एफजेए की इमारत के बाहर बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने मरियम के समर्थन में नारे लगाए। मरियम ने भी हाथ हिला कर समर्थकों का अभिवादन किया। मरियम शरीफ परिवार की आठवीं सदस्य हैं जिन्हें जेआईटी ने सम्मन किया है।
इससे पहले जेआईटी हुसैन और हसन से कई बार पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा जेआईटी प्रधानमंत्री, उनके भाई शहबाज शरीफ, प्रधानमंत्री के दामाद सेवानिवृा कैप्टन मोहम्मद सफदर, प्रधानमंत्री के रिश्तेदार तारिक शफी, वित्त मंत्री इसहाक डार और प्रधानमंत्री की छोटी बेटी के ससुर के बयान दर्ज कर चुकी है।
पीएमएल-एन के शीर्ष नेतृत्व ने प्रधानमंत्री की बेटी को बुलाने के जेआईटी के निर्णय की आलोचना की थी। शरीफ के भाई एंव पंजाब प्रातं के मुख्यमंत्री शहबाज ने भी मरियम को बुलाने पर सख्त एतराज जताया था। उन्होंने कल कहा था, प्रधानमंत्री की बेटी को सम्मन करने के जेआईटी के निर्णय का कोई नौतिक औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा, हम पूछताछ के लिए किसी को भी बुलाने के जेआईटी के अधिकार को स्वीकार करते हैं लेकिन हमारी सभ्यता हमें महिलाओं का आदर करना सिखाती है।
मरियम ने कई ट्वीट करके अवज्ञा दिखाई और सख्ती के साथ अपने पिता का बचाव किया। उन्होंने लिखा, उन्होंने (शरीफ) 30 साल के अपने राजनीतिक करियर में आजमाइश की घड़ियां देखी और झेली हैं। लेकिन बेहद प्यार करने वाले और ख्याल रखने वाले पिता के तौर पर मैंने उनकी आंखों में अपनी बेटी के जेआईटी के समक्ष पेश होने की चिंता को देखा है।
उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, मैंने उनसे कहा कि मैं आपकी बेटी हूं, आपसे तरबीयत पाई हूं, न घुटने टेकूंगी और न हीं दबाव में आऊंगी और कुछ भी मुझे अपराध और अन्याय के खिलाफ खड़ा होने से रोक नहीं सकता। मैं जेआईटी में समक्ष पेश होउंगी और कानून के नियम का पालन करूंगी जैसा आपने हमेशा किया है।
पनामा पेपर में मरियम और उनके भाइयों का नाम विदेशी कंपनियों के लाभान्वित मालिकों में शामिल हैं। ये संपत्तियां विवाद के केन्द्र में हैं। शरीफ के आलोचकों और विपक्षी पार्टीयों का कहना है कि ये संपत्तियां 1990 के दौरान तब खरीदी गईं थीं जब शरीफ दोबारा प्रधानमंत्री बने थे। प्रधानमंत्री ने इन आरोपों को नाकारते हुए दावा किया कि ये संपत्तियां उस पैसे से खरीदी गईं हैं जिसे उनके मरहूम पिता ने खाड़ी देशों में निवेश किया था।