पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को महत्वपूर्ण सीनेट चुनावों में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पराजित कर दिया। इस नतीजे को प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी के लिए प्रचार किया था। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने दावा किया था कि उसे 182 सदस्यों का समर्थन मिला, जबकि सीनेटर को चुनने के लिए 172 वोटों की आवश्यकता थी। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने घोषणा की कि, ‘‘यूसुफ रजा गिलानी को 169 मत मिले जबकि शेख को 164 मत मिले। सात मत खारिज हुए। कुल मतों की संख्या 340 थी।’’
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प्रधानमंत्री खान ने शेख की जीत सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रचार किया था। ग्यारह विपक्षी पार्टियों के एक गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने गिलानी का समर्थन किया। इसके अलावा पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने भी गिलानी को समर्थन दिया। दिलचस्प बात यह है कि शेख 2008 से 2012 तक पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी के कार्यकाल के दौरान उनके मंत्रिमंडल में मंत्री थे।
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सरकार के प्रवक्ता शहबाज गिल ने कहा कि विपक्ष केवल पांच मतों के अंतर से जीत गया जबकि सात मत खारिज हो गये। इसी सदन में सत्तारूढ़ पार्टी की फोजिया अरशद को 174 मत मिले और उनहोंने पीडीएम समर्थित उम्मीदवार फरजाना कौसर को हरा दिया जिन्हें 161 वोट प्राप्त हुए थे। पांच मत खारिज कर दिये गये। संसद के उच्च सदन सीनेट के सदस्य छह वर्षों के कार्यकाल के लिए निर्वाचित होते हैं। मतदान 37 सीटों के लिए हुआ था। मतदान सुबह नौ बजे शुरू हुआ था और शाम पांच बजे तक चला। मतदान समाप्त होते ही नतीजे आने लगे।