काबुल: अफगानिस्तान के साथ उपजे हालिया तनाव को कम करने की नीयत से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी दिनभर के दौरे पर शुक्रवार को काबुल पहुंचे। अब्बासी का अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने राष्ट्रपति भवन में गर्मजोशी से स्वागत किया। अफगानिस्तान सेना की एक टुकड़ी ने अब्बासी के काबुल पहुंचने पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। इस यात्रा के दौरान पाकिस्तानी नेता के गनी व अफगान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ अफगान शांति प्रक्रिया व राजनीतिक व सुरक्षा हालात पर चर्चा होने की उम्मीद है।
गनी के प्रवक्ता शाह हुसैन मुर्तज़वी ने बताया कि अब्बासी के साथ पाकिस्तान के कई शीर्ष अधिकारी भी आए हैं। वह अफगान अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। पिछले साल प्रधानमंत्री बनने के बाद अब्बासी की यह पहली अफगान यात्रा है। अफगानिस्तान में हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को पनाह नहीं देने को ले कर पाकिस्तान पर काबुल और वाशिंगटन का दबाव है जबकि इस्लामाबाद इससे इनकार करता है। माना जाता है कि पाकिस्तान अकेला ऐसा पक्ष है जो तालिबान को बातचीत की मेज पर ला सकता है।
वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा था कि पाकिस्तानी नेता का यह दौरा राष्ट्रपति गनी के अफगानिस्तान में शांति व स्थिरता को मजबूत बनाने के लिए तालिबान के समक्ष शांति वार्ता के प्रस्ताव को इस्लामाबाद के समर्थन की पृष्ठभूमि में हो रहा है। गनी ने 28 फरवरी को काबुल प्रक्रिया बैठक के दौरान अपने भाषण में तालिबान से सरकार के साथ शांति वार्ता करने के लिए कहा था। गनी ने कहा था कि सरकार तालिबान को एक राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता देगी।
अफगानिस्तान ने लगाया हवाई हमले का आरोप, पाक ने नकारा
अब्बासी की यात्रा से पहले अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव के हालात पैदा हो गए थे। अफगानिस्तानी अधिकारियों ने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का दावा किया था और कहा था कि कुनार प्रांत में पाकिस्तान के हवाई हमलों से उसे काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने तथा उसकी सीमा के अंदर हवाई हमले करने के अफगानिस्तान के आरोपों को आधारहीन करार दे कर खारिज कर दिया है। अफगानिस्तानी अधिकारियों के दावों पर पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने आधीरात के बाद एक बयान जारी किया।