नई दिल्ली: पुलवामा हमले को अपनी करतूत बताने का दावा करने वाले आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के बारे में पाक सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि जैश पाकिस्तान में नहीं है। हालांकि कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी स्वीकार कर चुके हैं कि आतंकवादी संगठन का प्रमुख यहीं पर है। वहीं पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने भी एक सनसनीखेज खुलासा किया है।
पाकिस्तानी चैनल हम टीवी से बात करते हुए मुशर्रफ ने बताया कि जैश-ए-मोहम्मद और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के बीच गहरा संबंध था। आईएसआई की मदद से जैश ने भारत के कई इलाकों में बम धमाके कराए थे। बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद जिसे सर्जिकल स्ट्राइक-2 माना जा रहा है, के बाद पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जबरदस्त दबाव बन रहा है।
पाकिस्तान स्थित पत्रकार नदीम मलिक को दिए साक्षात्कार में, मुशर्रफ ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का स्वागत किया लेकिन इस सवाल का जवाब उनके पास नहीं था कि वो जैश पर बैन क्यों नहीं लगा सके। नदीम मलिक के कुरेदने के बाद उन्होंने लाचारगी भरे अंदाज में कहा कि वो आईएसआई से जैश पर बैन लगाने की बात कहते थे लेकिन वो लोग नहीं माने।
मुशर्रफ ने कहा, ‘’मैंने हमेशा कहा है कि जैश ए मोहम्मद एक आतंकवादी संगठन है और उन्होंने ही मेरी हत्या करने की कोशिश में आत्मघाती हमला किया था। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मुझे खुशी है कि सरकार उनके खिलाफ सख्त रुख अपना रही है।‘’
बता दें कि जैश द्वारा 14 फरवरी के पुलवामा आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी स्वीकार किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही ठंडे चले आ रहे रिश्तों पर और बर्फ जम गयी है। पाकिस्तान स्थित जैश के इस आत्मघाती हमले में भारत के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने आतंकवाद रोधी अभियान चलाया था और 26 फरवरी को पाकिस्तान के भीतरी इलाके बालाकोट में जैश के प्रशिक्षिण शिविर को निशाना बनाया था।