इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश को बर्खास्त कर दिया। उससे पहले एक उच्च-स्तरीय संवैधानिक निकाय ने देश की प्रभावशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ तीखी टिप्पणी करने के लिए उन्हें पद से हटाने की सिफारिश की थी।
सर्वोच्च न्यायिक परिषद (एसजेसी) ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शौकत अजीज सिद्दीकी को हटाने की सिफारिश की थी, जो आईएसआई को निशाना बनाने वाले अपने विवादित भाषण को लेकर कथित कदाचार के आरोप का सामना कर रहे थे।
ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संविधान के अनुच्छेद 209 (5) के तहत शौकत को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया। पाकिस्तान में वर्ष 1970 के बाद एसजेसी की सिफारिश पर किसी हाईकोर्ट जज को हटाने का यह पहला मामला है। जस्टिस सिद्दीकी पर आरोप था कि उन्होंने रावलपिंडी जिला बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में 21 जुलाई को आईएसआई पर न्यायिक प्रक्रियाओं में तिकड़माबजी करने का आरोप लगाया था।
21 जुलाई को रावलपिंडी जिला बार एसोसिएशन को संबोधित करने के दौरान न्यायमूर्ति सिद्दीकी ने आरोप लगाया था कि आईएसआई अपने अनुकूल निर्णय पाने के लिए न्यायाधीशों के पैनल के गठन संबंधी न्यायिक कार्यवाही में हेरफेर कर रही है। पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश से इस बयान पर संज्ञान लेने के लिए कहा था। उससे पहले इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सिद्दीकी के विरुद्ध आरोपों को खारिज कर दिया था।