मुल्तान: पाकिस्तान के शासकों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 'निपटने' के लिए अपनी उम्मीदें ईश्वर से लगा ली हैं। देश के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि 'अल्लाह की लाठी में आवाज नहीं होती। अगर यह चल गई तो मोदी का गरूर खाक में मिल जाएगा।' पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कुरैशी ने यह बात यहां सोमवार को संवाददाताओं से कही। उन्होंने कहा कि "पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठाने का फैसला किया है। इससे पहले कि हम मुद्दा उठाएं, हमारी आवाज वहां तक पहुंचनी चाहिए। अगर हम एकजुट नहीं हुए तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।"
कुरैशी ने कहा कि "कुछ लापरवाहियों ने पाकिस्तान को इस मामले में दशकों पीछे धकेल दिया। अब आगे बढ़ने का वक्त है। दुनिया को पता चलना चाहिए कि कश्मीरी क्या चाहते हैं। जिस दिन मोदी संयुक्त राष्ट्र आम सभा के लिए जाएं, कश्मीरियों और पाकिस्तानियों को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करना होगा, विश्व बिरादरी को चिट्ठी लिखनी होगी, आवाज उठानी होगी। हमें अपनी लड़ाई भरपूर तरीके से लड़नी होगी।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपना स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) कश्मीर से जोड़ दिया है। भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को हम काला दिवस के रूप में मनाएंगे। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे इस काले दिवस में बढ़ चढ़कर भागीदारी करें।
कुरैशी ने दावा किया कि कश्मीर मामले में चीन का रुख पाकिस्तान के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सदस्य नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान का पक्ष वहां चीन रखेगा। चीन सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का वकील होगा।