इस्लामाबाद: इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद लोगों की नजरें इस बात पर टिकी थीं कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में उनका क्या रुख रहता है। अब पाकिस्तान की नई सरकार की तरफ से इस मामले पर जो बयान आया है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि पड़ोसी देश की नीतियों में कोई बदलाव नहीं आया है। पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के खिलाफ पाकिस्तान के पास ‘ठोस सबूत’ हैं और उसे अंतरराष्ट्रीय अदालत में उसके खिलाफ मामले में जीतने की उम्मीद है।
जाधव को सुनाई गई है मौत की सजा
47 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने उसी वर्ष मई में उस फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भारत की अपील पर जाधव की फांसी पर रोक लगा दी। भारत और पाकिस्तान ने अपनी विस्तृत अर्जी और जवाब अंतरराष्ट्रीय अदालत में पेश कर दिए हैं। कुरैशी ने दक्षिणी पंजाब स्थित अपने गृह शहर मुल्तान में कहा, ‘हमारे पास जाधव के खिलाफ ठोस सबूत हैं और उम्मीद है कि हम अंतरराष्ट्रीय अदालत में मामले में जीत दर्ज करेंगे। हम अंतरराष्ट्रीय अदालत के समक्ष मामले को प्रभावी तरीके से पेश करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।’
मार्च 2016 में गिरफ्तार हुए थे जाधव
पाकिस्तान का कहना है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को बलूचिस्तान प्रांत से मार्च 2016 में तब गिरफ्तार किया था जब वह कथित रूप से ईरान से देश में घुसे थे। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में कहा है कि जाधव कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है बल्कि उसने जासूसी और तोड़फोड़ के इरादे से देश में प्रवेश किया था। भारत ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि जाधव का अपहरण ईरान से किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने व्यापार के सिलसिले में रह रहे थे लेकिन उनका सरकार से कोई सम्पर्क नहीं था।