बीजिंग: चीन ने सरकारी टेलिविजन पर पैगंबर हजरत मोहम्मद की तस्वीर दिखाए जाने के बाद पाकिस्तान ने खामोशी अख्तियार कर ली है जबकि फ्रांस में जब पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को दिखाया गया था तो पाकिस्तान ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था लेकिन चीन के मुद्दे पर मानो उसे सांप सूंघ गया है। पैगंबर मोहम्मद की तस्वीर दिखाने को लेकर वह मौन है।
दरअसल, चीन के सरकारी चैनल चाइना सेंट्रल टेलिविजन (सीसीटीवी) ने हाल ही में पैगंबर मोहम्मद का कैरिकेचर प्रसारित किया था। वीगर ऐक्टिविस्ट अर्शलान हिदायत ने चाइनीज टीवी सीरीज की ये क्लिप ट्वीट की थी। इस क्लिप में तांग राजवंश के दरबार में एक अरब राजदूत को दिखाया गया है। इसमें अरब राजदूत पैगंबर मोहम्मद की एक पेंटिंग चीनी सम्राट को सौंपते हुए नजर आते हैं।
बता दें कि फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर एक युवक ने शिक्षक का सिर कलम कर दिया था। पुलिस की कार्रवाई में जब वह युवक मारा गया तो मुस्लिम देश भड़क उठे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का धार्मिक कट्टरता के खिलाफ दिया बयान उन्हें बिलकुल भी रास नहीं आया और इसके जवाब में फ्रांस के उत्पादों के बहिष्कार का अभियान शुरू कर दिया गया।
गौर करने वाली बात यह है कि न तो चीन प्रशासन और न ही टीवी चैनल ने इस दावे का खंडन नहीं किया है। यानी चीनी अधिकारियों को इससे कोई समस्या नहीं है। लिहाजा, अब सवाल यह उठता है कि क्या खुद को इस्लाम के पैरोकार करार देने वाले पाकिस्तान और तुर्की चीनी सामान का बहिष्कार करेंगे? वहीं मुस्लिम देशों की धमकी और बहिष्कार के बावजूद फ्रांस की सरकार ने इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखी है। फ्रांस ने कई मस्जिदों पर ताला लगा दिया है।