इस्लामाबाद: अपनी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए पाकिस्तान ने सऊदी अरब में सैनिकों को द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग के तहत तैनात करने का निर्णय किया है। रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में बुधवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और पाकिस्तान में सऊदी के राजदूत नवाफ सईद अल-मलिकी के बीच बैठक के बाद पाकिस्तान की सेना ने यह घोषणा की। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि इन सैनिकों को सऊदी अरब के बाहर तैनात नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि सऊदी अरब 2015 से ही पाकिस्तानी सैनिकों की तैनाती की मांग कर रहा था।
सेना ने कहा, ‘पाकिस्तान-सऊदी द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को जारी रखते हुए पाकिस्तानी सेना के एक दल को प्रशिक्षण और विचार-विमर्श मिशन पर सऊदी अरब भेजा जा रहा है। इन सैनिकों को अथवा वहां पहले से मौजूद सैनिकों को सऊदी अरब से बाहर तैनात नहीं किया जाएगा।’ इसने कहा कि सेना ‘कई अन्य खाड़ी एवं क्षेत्रीय देशों के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बनाए हुए है।’ सेना ने कहा कि बाजवा और राजदूत के बीच बैठक में परस्पर हित के मामलों के साथ ही क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा की गई।
अधिकारियों के मुताबिक सऊदी अरब में विभिन्न सलाह-मशविरा एवं प्रशिक्षण भूमिकाओं में करीब एक हजार पाकिस्तानी सैनिक तैनात हैं। डॉन अखबार ने सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर के हवाले से बताया कि नई तैनाती एक डिविजन से काफी कम होगी और इसका ब्यौरा वह बाद में देंगे। आपको बता दें कि सऊदी अरब 2015 में यमन संघर्ष की शुरुआत से ही पाकिस्तानी सैनिकों की मांग करता रहा है। हालांकि पाकिस्तानी संसद में उसी साल एक रिजॉल्यूशन पास हुआ था कि इस संघर्ष में पाकिस्तान तटस्थ रहेगा।