इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के शीर्ष चुनाव अधिकारी ने विधानसभा चुनाव 25 जुलाई को कराने की गुरुवार को घोषणा की। हालांकि, कोरोना वायरस संक्रमण फिर से फैलने के खतरे के कारण चुनाव को दो महीने के लिए टालने की अपील की जा रही थी। पिछले साल पाकिस्तान ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में विधानसभा चुनाव कराया था।
भारत ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के फैसले के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी और कहा था कि सैन्य कब्जे वाले क्षेत्र की स्थिति को बदलने के लिए किसी भी कार्रवाई का कोई कानूनी आधार नहीं है। भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट रूप से बता दिया है कि गिलगिट और बाल्टिस्तान क्षेत्रों सहित जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश देश के अभिन्न अंग हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अब्दुल राशिद सुलेहरिया ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। पीओके चुनाव आयोग के प्रमुख सुलेहरिया ने कहा, 'कश्मीर (पीओके) के लोग 25 जुलाई को अपने मताधिकार का इस्तेमाल सुशासन के लिए करेंगे।' उन्होंने कहा कि उम्मीदवार 21 जून तक अपना नामांकन पत्र भर सकते हैं और अंतिम सूची 3 जुलाई को जारी की जाएगी।
'एआरवाई न्यूज' ने बताया कि चुनाव पीओके में 33 और कश्मीरी प्रवासियों के लिए 12 सहित विधानसभा के 45 प्रतिनिधियों को चुनने के लिए होगा। सुलेहरिया ने कहा, 'इस चुनाव में चार निर्वाचन क्षेत्र बढ़ाये गए हैं।' मतदान के दौरान नागरिक प्रशासन के साथ अर्धसैनिक रेंजरों और पुलिस को तैनात किया जाएगा ताकि 28 लाख से अधिक पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
इससे पहले, नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) ने कोरोना वायरस संक्रमण फिर से फैलने के खतरे के कारण पीओके में चुनाव दो महीने के लिए स्थगित करने का आग्रह किया था, लेकिन इसे सभी विपक्षी दलों ने खारिज कर दिया था। पीओके विधानसभा के लिए पिछला आम चुनाव जुलाई 2016 में हुआ था और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने उसमें जीत दर्ज की थी।