इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई शुक्रवार को पूरी कर ली। हालांकि अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा, जो शरीफ का राजनीतिक भविष्य खतरे में डाल सकता है। खबरों के मुताबिक, अदालत का यह आदेश संयुक्त जांच दल (JIT) द्वारा सौंपी गई अंतिम रपट की समीक्षा के बाद आया है, जिसे पहले जांच समिति के अनुरोध पर गुप्त रखा गया था।
तीन सदस्यीय विशेष क्रियान्वयन पीठ द्वारा सुनवाई शुरू करने के तुरंत बाद, पीठ ने जेआईटी रपट के खंड 10 को अदालत में तलब किया और इसमें शामिल दस्तावेजों की समीक्षा के लिए इसे खोला। अदालत ने इसके बाद दस्तावेज प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस को दिया और उन्हें खंड के विशिष्ट वर्गो की जांच करने को कहा। जेआईटी रपट के 10 जुलाई को जमा होने के बाद यह लगातार पांचवी सुनवाई है।
खंडपीठ ने कहा कि यह कानून के तहत सख्ती से काम करेगा और किसी के व्यक्तिगत अधिकारों को नहीं रौंदेगा। इससे पहले न्यायमूर्ति अजमत सईद शेख ने कहा, ‘हर चीज सार्वजनिक की जाएंगी और खंड 10 खोला जाएगा।’ JIT की रपट तैयार करने की अगुवाई करने वाले संघीय जांच एजेंसी के अतिरिक्त निदेशक वाजिद जिया ने इससे पहले अदालत से आग्रह किया था कि खंड 10 को सार्वजनिक नहीं किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा था कि इसका आगे जांच में इस्तेमाल किया जाएगा।