इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया जिसमें PML-N नेता और पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ को जीवनभर सावर्जनिक पद संभालने के लिए अयोग्य घोषित किया गया था। जस्टिस उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय पीठ ने आसिफ की याचिका पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के उसमार डार ने आसिफ के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में इस संबंध में एक याचिका दाखिल की थी, जिसके आधार भर आसिफ को सार्वजनिक पद के लिए जीवनभर आयोग्य घोषित किया गया था।
आसिफ के वरिष्ठ वकील मुनीर ए.मलिक ने डॉन समाचार पत्र से इस फैसले की पुष्टि की और कहा, ‘ख्वाजा आसिफ आगामी चुनाव लड़ सकते हैं।’ इस्लामाबाद हाई कोर्ट की 3 सदस्यीय विशेष पीठ ने 26 अप्रैल को अपने आदेश में कहा था कि आसिफ देश के संविधान के अंतर्गत बेईमान साबित होते हैं क्योंकि उन्होंने उन्होंने अपने नामांकन पत्र में विदेश में काम करने के बारे में या अपने आय के स्रोत के बारे में सूचित नहीं किया था। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि 2013 आम चुनाव के लिए भी आसिफ अयोग्य थे।
मलिक ने सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि उनके मुवक्किल ने अपने नामांकन पत्र में सभी जानकारियां दी थीं। उन्होंने कहा, ‘सांसदों के उपर अयोग्यता की तलवार इस तरह नहीं लटकाई जानी चाहिए।’ मलिक ने कहा कि अगर आसिफ की आय उनकी घोषित आय से ज्यादा है तो चुनाव आयोग इस मामले को देख सकता है। सुप्रीम कोर्ट को अभी इस मामले में विस्तृत फैसला देना है। PTI नेता डार ने कहा कि अदालत ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के पक्ष में फैसला सुनाया है। वह अब इस मामले को लोगों की अदालत में उठाएंगे।