इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शनिवार को म्यांमार के राजदूत को तलब कर राखिन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ जारी कथित हिंसा को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस कारण करीब 2,70,000 शरणार्थी बांग्लादेश की ओर पलायन के लिए मजबूर हुए हैं। विदेश कार्यालय के मुताबिक विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने पाकिस्तान में म्यांमार के राजदूत यू विन मिन्ट को तलब कर यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने और रोहिंग्या मुसलमानों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हों।
कार्यालय की ओर से कहा गया है कि जंजुआ ने म्यांमार के राखिन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ जारी हिंसा के प्रति पाकिस्तान की सरकार और लोगों की तरफ से गहरा विरोध जताया। विदेश कार्यालय ने साथ ही कहा कि राजदूत ने विदेश सचिव को इस बात को लेकर आस्त किया कि वह पाकिस्तान की सरकार और लोगों की चिंताओं को म्यामां सरकार तक पहुंचा देंगे। संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को कहा है कि म्यांमार के राखिन प्रांत में ताजा हिंसा भड़कने के 15 दिनों में लगभग तीन लाख रोहिंग्या मुसलमान पलायन कर बांग्लादेश पहुंचे हैं।
आपको बता दें कि 25 अगस्त को रोहिंग्या चरमपंथियों ने म्यांमार की सीमा चौकियों पर समन्वित हमले शुरू किए थे जिसके बाद म्यांमार की सेना ने जवाबी कार्रवाई शुरू की थी। कहा जा रहा है कि इस कार्रवाई के दौरान म्यांमार की सेना ने कई रोहिंग्या मुसलमानों को मार दिया और उनके घर जला दिए। वहीं, म्यांमार की नेता आंग सान सू की ने सोमवार को रोहिंग्या लड़ाकों पर संकटग्रस्त राखिन प्रांत में हालिया हिंसा के दौरान घरों को जलाने और बाल सैनिकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।