इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा भारत को ड्रोन मिसाइल सिस्टम बेचे जाने का कड़ा विरोध किया है। पाकिस्तान का कहना है कि अमेरिका इस कदम से क्षेत्र में शक्ति का संतुलन गड़बड़ हो सकता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय ताकतों को इस तरह के समझौतों पर दस्तखत करने से पहले जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।' जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका रिश्तों में मजबूती चाहते हैं लेकिन यह एक-दूसरे की चिंताओं की बेहतर समझ पर आधारित होना चाहिए।
जकारिया ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा के दौरान उनके और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। इससे पहले खबरें आई थीं कि ट्रंप प्रशासन अपनी वायुसेना के लिए सशस्त्र ड्रोन के भारत के आग्रह पर विचार कर रहा है। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी थी। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के अभियान के तहत सशस्त्र ड्रोन खरीदने के भारत के लंबित अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर प्रशासन के अधिकारी ने सकारात्मक जवाब दिया था।
भारतीय वायुसेना का मानना है कि सशस्त्र ड्रोन से उसकी रक्षा क्षमताओं में इजाफा होगा। इस साल के शुरू में भारतीय वायुसेना ने अमेरिका की सरकार से जनरल एटमिक्स प्रीडेटर सी अवेंजर विमान के लिए अनुरोध किया था। ऐसा समझा जाता है कि भारतीय वायुसेना को 80 से 100 इकाइयों की जरूरत है। इस कारण यह 8 अरब डॉलर का सौदा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 26 जून को व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद ट्रंप प्रशासन इस संबंध में विचार कर रहा है।