इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच भारत में मुसलमानों के खिलाफ ‘सुनियोजित अभियान’ चलाये जाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि वह इससे चिंतित है। जाहिर है कि पाकिस्तान ऐसी बयानबाजी करके भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, भारत ने कोरोना वायरस महामारी की पृष्ठभूमि में देश में मुसमलमानों को निशाना बनाये जाने के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के आरोपों को खारिज कर दिया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने दिल्ली में कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व के ‘बेतुके बयान’ उनके देश के आंतरिक मामलों को खराब तरीके से संभालने से ध्यान हटाने की कोशिश है। अब अपनी नापाक कोशिसों को आगे बढ़ाते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘भारत में दुर्भाग्य से मुसलमानों को खतरे की तरह दिखाने का सुनियोजित अभियान चल रहा है, जो अलगाव और भीड़ हिंसा के खतरे का सामना कर रहे हैं।’’
उन्होंने यहां साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में यह भी कहा कि इस्लामी देशों के संगठन ने राजनीतिक और मीडिया हलकों में तथा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ‘इस्लामोफोबिया’ को लेकर चिंता जताई है, जहां वायरस फैलने के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
फारूकी ने आरोप लगाया कि कश्मीर में बेबुनियाद और गढ़े गए आरोपों पर पत्रकारों को हिरासत में रखा गया है, जिसपर पाकिस्तान चिंतित है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में फंसे हुए पाकिस्तानियों को घर वापस लाने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं।