नई दिल्ली. आजादी की सालगिरह पर पाकिस्तान अपनी आजादी का जश्न नहीं कश्मीर का मातम मना रहा है, पाकिस्तान में आजादी के कार्यक्रमों को देखते हुए लगता है कि 73 साल बाद अब पाकिस्तान चीन का गुलाम बन गया है। पाकिस्तान में जश्न ए आजादी के मौके पर इमरान ख़ान ने पूरे 11 मिनट तक अपना रटा रटाया भाषण दिया या फिर सही शब्दों मे कहें तो आर्मी की लिखी स्क्रीप्ट पढ़ी।
इमरान खान की पूरी कंमेंट्री कन्फ्यूजन से भरी हुई थी। ऐसा भाषण जो ना तो पाकिस्तानी आवाम को समझ आया होगा और ना ही पाकिस्तानी नेताओं को लेकिन एक बात इमरान को बखूबी आती है और वो है कश्मीर का राग अलापना। आजादी के मौके पर भी इमरान से रहा नहीं गया और उन्होंने जश्न-ए-आजादी के मौके पर कश्मीर को लेकर जमकर मातम मनाया।
आजादी के जश्न के मौके पर भी इमरान खान के साथ साथ पाकिस्तान आर्मी का भी ब्लड प्रेशर बढ़ा नजर आया। कह सकते हैं कि अबकी बार का 15 अगस्त पाकिस्तान के लिए जश्न का नहीं डर का तोहफा लेकर आया है। कश्मीर की खुशनसीबी पाकिस्तान को देखी नहीं जाती और अब रफाल के आ जाने के बाद बाजवा की आर्मी का खून भी खौफ की वजह से पानी बन गया है। ऐसी की कुछ बातें पाकिस्तानी सेना के लोग बोलते सुनाई दिए।
बलूचिस्तान को लेकर चिंता में इमरान
इमरान खान को पाकिस्तान टूटने का डर फिर सताने लगा है। दरअसल पाकिस्तान में बलोचों ने बगावत का झंडा उठा लिया है। बलूचिस्तान में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है यानि पाकिस्तान के सीने पर पाकिस्तान के टूटने का जश्न। बलूचिस्तान से आईं कुछ वीडियो जमकर वायरल हो रही हैं। इन वीडियो में बलूचिस्तान में कुछ लोग हाथों में मशाल लेकर जुलूस निकाल रहे हैं। पाकिस्तान से आज़ादी के प्रतीक में झंडों की तस्वीर उसी बलूचिस्तान में लग रहे हैं। जिसके हर शहर, हर कस्बे, हर गांव- गली में पाकिस्तान के जुल्मों के निशान नजर आते हैं, जिसकी शुरूआत 1947 में पाकिस्तान के वजूद मे आने के बाद से ही हो गई थी।
क्यों किया पाकिस्तान ने बलूचिस्तान पर कब्जा
ईरान और अफगानिस्तान से लगती सरहद वाला बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा है। बलूचिस्तान 3 लाख 47 हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाके में फैला है, जो पाकिस्तान का 44 फीसदी हिस्सा है। सबसे बड़ा सूबा होने के बावजूद सात दशक से पाकिस्तान ने पश्चिम के इस इलाके ने सिर्फ पाकिस्तान के फौजी जनरलों की गोलियों का आवाज ही सुनी बल्कि बस्तियों को जलते देखा, अपनों को लापता होते देखा। लेकिन अब वहां बगावत के सुर बुलंद हो गए हैं, अब वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान से टूट कर बलूचिस्तान अलग हो जाएगा।
क्यों कर्ज में दबा पाकिस्तान अलाप रहा है कश्मीर राग?
आजादी की सालगिरह पर पाकिस्तान अपनी आजादी का जश्न नहीं कश्मीर का मातम मना रहा है। लगता है कि 73 साल बाद अब पाकिस्तान, चीन का गुलाम बन गया है। दरअसल कश्मीर में पाकिस्तान और LAC पर भारत ने चीन की हर चाल को नाकाम कर दिया है। होम मिनिस्ट्री का डेटा कहता है कि कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 35 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले साल 1 जनवरी से 15 जुलाई तक घाटी में आतंकवाद की कुल 188 घटनाएं हुई थीं, लेकिन इस साल एक जनवरी से जुलाई तक आतंकवाद की 120 घटनाएं हुई हैं। इस साल 1 जनवरी से 15 जुलाई तक 126 आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन इतने ही समय में इस साल 136 आतंकवादियों को ऑपरेशन ऑल आउट में खत्म किया गया है। इतने ही समय में पिछले साल सुरक्षाबलों के 75 जवान शहीद हुए थे लेकिन इस साल 35 जवान शहीद हुए हैं।