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सिंध विश्वविद्यालय के छात्रों ने लगाए PAK विरोधी नारे, पुलिस ने दर्ज किया राजद्रोह का मामला

विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र मेहरान मेमन ने कहा, ‘‘उन्होंने (पुलिस ने) छात्रों के खिलाफ राजद्रोह के फर्जी मामले दर्ज किए हैं और हम इसे अदालत में चुनौती देंगे क्योंकि पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है।’’ 

Reported by: Bhasha
Published on: November 20, 2019 20:03 IST
Pakistan- India TV Hindi
Image Source : TWITTER प्रतिकात्मक तस्वीर

लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने देश विरोधी नारेबाजी करने और दीवारों पर सरकार विरोधी बातें लिखने के आरोप में प्रतिष्ठित सिंध विश्वविद्यालय के 17 छात्रों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है। जमशोरो पुलिस ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था के प्रमुख गुलाम कादिर पन्हवार की शिकायत पर छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

‘डॉन’ अखबार ने खबर दी है कि शिकायतकर्ता ने कहा है कि 31 अक्टूबर को छात्रावास प्रभारी कमर लशारी, नियाज बुलेदी, अध्यक्ष (प्रोवोस्ट) शहाब अहमद सूमरू ने उन्हें बताया कि जय सिंध समूह के करीब 17-18 छात्र पाकिस्तान विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं और वे लड़कों के छात्रावास के मुख्य द्वार के बाहर दीवारों पर संदेश लिखने में भी शामिल हैं।

पन्हवार ने कहा कि छात्र ‘सिंधु देश, ना खापे ना खापे पाकिस्तान’ (हम पाकिस्तान को तोड़ेंगे) नारे लगाते हुए छात्रावास की ओर बढ़े। उन्होंने बताया कि उन्होंने और छात्रवास प्रभारी ने छात्रों की पहचान कर ली है। पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान, कुछ छात्रों ने ‘पाकिस्तान विरोधी’ नारे लगाए। पन्हवार के हवाले से ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने कहा, ‘‘ हमारे पास नारेबाजी करने वाले छात्रों का वीडियो और अन्य सबूत है।’’

बहरहाल, छात्रों ने आरोप का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने छात्रावास में पानी की किल्लत के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उन्होंने इन आरोपों से इंकार किया कि उनके हाथ में जय सिंध के झंडे थे और वे पाकिस्तान विरोधी नारे लगा रहे थे या दीवार पर देश के खिलाफ बातें लिख रहे थे। छात्रों ने प्रशासन पर उन्हें प्रताड़ित करने और उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र मेहरान मेमन ने कहा, ‘‘उन्होंने (पुलिस ने) छात्रों के खिलाफ राजद्रोह के फर्जी मामले दर्ज किए हैं और हम इसे अदालत में चुनौती देंगे क्योंकि पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रदर्शन 31 अक्टूबर को हुआ तो पुलिस ने 18 दिन बाद क्यों मामला दर्ज किया है।’’

सिंध विश्वविद्यालय के कुलपति फतह मोहम्मद बुरफत ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन से सलाह-मशविरा नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर को छात्रों ने पानी की कमी के खिलाफ प्रदर्शन किया था लेकिन पाकिस्तान विरोधी नारे नहीं लगाए थे और न ही उनके हाथों में जय सिंध के झंडे थे। उन्होंने कहा कि वह पुलिस से बात करेंगे और इस बात का पता लगाएंगे कि कैसे मामला दर्ज किया गया।

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