कराची: पाकिस्तान के सिंध प्रांत के गवर्नर ने प्रांतीय असेंबली से पारित उस विधेयक को शनिवार को लौटा दिया जिसमें जबरन धर्मांतरण को अपराध करार दिया गया है। बीमार चल रहे गवर्नर न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सईदुज्जमां सिद्दीकी ने आपराधिक कानून (अल्पसंख्यकों का संरक्षण) विधेयक को लौटा दिया, हालांकि इसकी कोई वजह नहीं बताई।
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इस विधेयक को वापस लौटाते हुए सिद्दीकी ने सिंध असेंबली के सचिवालय को लिखा, ‘कृपया इस विधेयक पर फिर से विचार कीजिए।’ गर्वनर ने असेंबली से कहा कि वह काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियॉलजी (CII), MQM नेता सरदार अहमद की ओर से लिखे गए पत्रों और धार्मिक पार्टियों की ओर से जताए गए विरोध का संज्ञान ले जिनमें या तो विधेयक को वापस लेने या उसमें प्रस्तावित संशोधन करने की मांग की गई है।
सिंध असेंबली के सचिव जी उमर फारूक ने इसकी पुष्टि की है कि उन्हें गवर्नर के संदेश के साथ विधेयक मिला है। पाकिस्तान हिंदू काउंसिल ने पहले ही चिंता जताई थी कि अगर इस विधेयक को संशोधित किया गया या रद्द किया गया तो इससे गैर मुस्लिमों में असुरक्षा की भावना बढ़ेगी।