इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अपने यहां कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत करने के एक दिन बाद गुरुवार को कहा कि चीन का सिनोफार्म टीका (Sinopharm Vaccine in Pakistan) 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रभावी नहीं है। बता दें कि पाकिस्तान के सभी चारों प्रांतों में एक साथ टीकाकरण शुरू किया गया था और तय कार्यक्रम के अनुसार सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया था। चीन ने पाकिस्तान को 5 लाख Sinopharm टीके दान किए थे जिन्हें लेने सोमवार को पाकिस्तान से एक विमान गया था। हालांकि वैक्सीन के अप्रभावी होने की बात पर चीन की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है।
’18-60 साल तक के लोगों को लगाई जाएगी वैक्सीन’
प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य मामलों के विशेष सहायक डॉक्टर फैसल सुल्तान ने मीडिया से कहा कि पाकिस्तान की विशेषज्ञ समिति ने डेटा के प्रारंभिक विश्लेषण पर विचार करने के बाद सुझाव दिया है कि टीका केवल 18 से 60 साल तक के आयु समूहों के लोगों को लगाया जाए। उन्होंने कहा, ‘समिति ने इस चरण में सिनोफार्म टीके को 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए अधिकृत नहीं किया है।’ बता दें कि चीन की वैक्सीन पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। दुनिया के कई देशों में चीनी टीकों को कम प्रभावी पाया गया है और कहीं-कहीं तो यह सिर्फ 50 फीसद प्रभावी पाया गया है।
अपने नेताओं के टीके लगवाने पर चुप है चीन
चीन ने पिछले महीने कहा था कि दुनिया के कई देशों के नेताओं ने चीन में निर्मित कोरोना वायरस का टीका लगवाया है, लेकिन उसने वरिष्ठ चीनी नेताओं के टीका नहीं लगवाने के सवाल पर चुप्पी साधे रखी थी। चीन ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोआन और सेशेल्स के राष्ट्रपति वावेल रामकालवन समेत विश्व के कई देशों के नेताओं का जिक्र किया था, जिन्होंने कोविड-19 टीके लगवाए हैं। हालांकि राष्ट्रपति शी चिनफिंग, प्रधानमंत्री ली केकियांग और अन्य शीर्ष नेताओं के वैक्सीन लगवाने के सवाल पर चीन ने चुप्पी साध ली थी और इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।