लाहौर: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 126 साल पुराने एक शिव मंदिर को मरम्मत कार्य के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। इस मंदिर में पहले से ज्यादा जगह जोड़ी गई है ताकि श्रद्धालु सही से अपने अनुष्ठानों का आयोजन कर सकें। एक अधिकारी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शिव मंदिर का प्रशासनिक नियंत्रण एक स्थानीय हिंदू संगठन को सौंपा गया है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की देखभाल करने वाले एवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीबीपी) ने कहा कि उसने हाल ही में देश भर के दर्जनों मंदिरों का पुनरुद्धार किया है।
‘हिंदू मंदिर का किया गया पुनर्निर्माण’
ईटीबीपी के प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया, ‘हैदराबाद में स्थित 126 साल पुराना शिव मंदिर, जिसे गोस्वामी पुरषोत्तम घर निहाल घर के नाम से भी जाना जाता है, पुनर्निर्मित किया गया है। मंदिर में और अधिक क्षेत्र को भी शामिल किया गया है, ताकि हिंदू श्रद्धालु अपने धार्मिक अनुष्ठानों का उचित ढंग से आयोजन कर सकें।’ उन्होंने बताया कि मंदिर का प्रशासनिक नियंत्रण एक स्थानीय हिंदू संगठन को दिया गया है। हाशमी ने कहा, "राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष चैला राम ने ईटीपीबी के अध्यक्ष डॉ. आमेर अहमद से मंदिर परिसर में उसके आसपास के क्षेत्र को शामिल करने का अनुरोध किया था, ताकि हिंदू आसानी से वहां भ्रमण कर सकें और अपने अनुष्ठान कर सकें।’
आई थी कई मंदिरों के टूटने की खबर
हाशमी ने कहा कि हाल ही में पुनर्निर्मित किए गए अन्य मंदिरों में सियालकोट का 1000 साल पुराना शावला तेजा मंदिर भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘पेशावर में मंदिरों का मरम्मत कार्य चल रहा है।’ बता दें कि पाकिस्तान से बीते कुछ महीनों में कई मंदिरों में तोड़फोड़ की खबरें सामने आती रही हैं, ऐसे में यह खबर निश्चित तौर पर राहत देती है। पाकिस्तान में 2017 के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 44 लाख हिंदू रहते हैं और यह देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। वहीं, कुछ संगठनों का दावा है कि पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या 80 लाख से भी ज्यादा है। (भाषा)