इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने विवादित गिलगित-बल्टिस्तान क्षेत्र को अपने पांचवें प्रांत के रूप में शामिल करने के लिए इस्लामाबाद के प्रयासों पर भारत की आपत्ति को खारिज करते हुए इसे ‘बेतुका और बिना किसी कानूनी आधार’ के रूप में बताया है। पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने 21 मई को गिलगित-बल्टिस्तान आदेश 2018 को मंजूरी दी थी। पाकिस्तान में नागरिक अधिकार समूहों ने आदेश की निंदा की है।
भारत ने कहा है कि यह क्षेत्र उसका है और पाकिस्तान की कार्यवाही का कोई कानूनी आधार नहीं है। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए गिलगित-बाल्टिस्तान के संबंध में हाल के आदेश पर भारत की आपत्ति को खारिज किया और इसे बेतुका बताया।
फैसल ने कहा कि पाकिस्तान लगातार अपना यह रुख स्पष्ट करता आया है कि दोनों देशों के बीच तमाम मसलों का समाधान केवल बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है। वह भारत ही है जिसने वार्ता प्रक्रिया में शर्तें लगाई है।