इस्लामाबाद: भारत ने पाकिस्तान में जासूसी के आरोपों में सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को आज राजनयिक मदद उपलब्ध कराने की मांग की। लेकिन पाकिस्तान ने मांग मानने से इनकार करते हुए कहा कि 46 वर्षीय जाधव जासूस था और राजनयिक मदद से संबंधित द्विपक्षीय समझौते के तहत नहीं आता है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले ने पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात के दौरान यह मांग रखी। इस मांग में जाधव की मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर करना भी शामिल है।(पाक में कुलभूषण जाधव को दूतावास सलाह उपलब्ध कराने की मांग)
बहरहाल, जांजुआ ने बम्बावाले की मांग खारिज करते हुए कहा कि द्विपक्षीय समझौते के तहत राजनयिक मदद जासूसों के लिए नहीं, कैदियों के लिए होती है। पाकिस्तान बीते एक साल में कई बार 46 वर्षीय कुलभूषण जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने के भारत के अनुरोध को खारिज कर चुका है। पाकिस्तान की सेना जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने की मंजूरी की किसी भी गुंजाइश को पहले ही खारिज कर चुकी है। जाधव को कथित रूप से जासूसी एवं विघटनकारी गतिविधियों के लिये मृत्युदंड की सजा सुनायी गयी है।
बम्बावाले ने 14 अप्रैल को पाकिस्तानी विदेश सचिव से मुलाकात की थी और जाधव के भविष्य को लेकर भारत की चिंता जाहिर की थी। बैठक के बाद बम्बावाले ने मीडिया को बताया कि उन्होंने जाधव की सजा के खिलाफ अपील करने के लिये आरोपों की सूची तथा जाधव के विरूद्ध सैन्य न्यायाधिकरण के फैसले की प्रामाणिक प्रति उपलब्ध कराने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक मानवीय आधार पर जाधव को राजनयिक मदद उपलब्ध कराने की मांग की थी। (इस कारण अमेरिका से अलग, रुस से मजबूत संबंध बनाएगा भारत)