इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर सऊदी अरब और इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) को धमकाया था। इसके बाद नाराज Saudi Arabia ने Pakistan को दिया गया कर्ज वापस मांग लिया। आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका था। शायद यही वजह है कि कभी आंखें दिखा रहा पाकिस्तान अब ओआईसी (OIC) की तारीफों के पुल बांधने लगा है। बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सऊदी अरब गए थे, लेकिन प्रिंस सलमान ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था और जनरल को खाली हाथ लौटना पड़ा।
अब पाकिस्तान ने की OIC की तारीफ
सऊदी के कड़े रुख को देखते हुए पाकिस्तान की घिग्घी बंध गई। शायद यही वजह है कि पाकिस्ताथन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद चौधरी ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान ओआईसी के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं की पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मुस्लिम देशों के एकता के प्रति प्रतिबद्ध है और उसने हमेशा उसी दिशा में काम किया है। उन्होंने इस मौके पर कश्मीर के मुद्दे पर ओआईसी के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि इस संगठन ने कश्मीर के विषय पर एक संपर्क समूह बनाने में 'एक महत्विपूर्ण भूमिका' निभाई और भारत के कार्यो की निंदा करने के लिए कई प्रस्ताव पारित किए।।
सऊदी अरब ने वापस मांगे पैसे
बता दें कि अक्टूबर 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 3 साल के लिए 6.2 बिलियन डॉलर का वित्तीय पैकेज देने का ऐलान किया था। इसमें से 3 बिलियन डॉलर की नकद सहायता शामिल थी, जबकि बाकी के पैसों के बदले में पाकिस्तान को तेल और गैस की सप्लाई की जानी थी। कश्मीर के मसले पर अपने ऊपर की गई बयानबाजी से नाराज सऊदी अरब अब अपने 3 अरब डॉलर की रकम को वापस मांग रहा है। साथ ही उसने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कच्चा तेल उधार देने की डील को भी कैंसिल कर दिया।
ऐसा क्या कह दिया था कुरैशी ने?
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब को धमकी दे दी थी। पाकिस्तानी न्यूज चैनल एआरवाई को दिए इस इंटरव्यू में कुरैशी ने कहा था कि OIC कश्मीर पर अपने विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक बुलाने को लेकर की जा रही ना-नुकुर को बंद करे। उन्हेंने यहां तक कह दिया था कि यदि आप बैठक नहीं बुला सकते हैं तो मैं पीएम इमरान से यह कहने के लिए मजबूर हो जाऊंगा कि वह ऐसे इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारा साथ देने के लिए तैयार हैं।