इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जनवरी में मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के दौरे पर जाएंगे। इमरान यह कवायद ‘नाराज’ मलेशिया को मनाने के लिए कर रहे हैं। दरअसल, मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद द्वारा 19-21 दिसंबर को आयोजित मुस्लिम देशों के शिखर सम्मेलन में खान सऊदी अरब के कथित दबाव में शामिल नहीं हुए थे। जानकारों के मुताबिक, इमरान की यह हरकत मलेशिया को नागवार गुजरी थी और वह पाकिस्तान से ‘नाराज’ नाराज बताया जा रहा है। इमरान की कोशिश होगी कि वह अपने दौरे के दौरान मलेशिया की नाराजगी दूर कर दें।
सऊदी के दबाव में पीछे खींचे थे हाथ
आपको बता दें कि इमरान ने मलेशिया में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने की हामी भर दी थी, लेकिन सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के कथित दबाव में ऐन मौके पर उन्होंने इससे दूरी बना ली थी। कुआलालंपुर सम्मेलन को सऊदी शासन ने मुस्लिम जगत में एक नया ब्लॉक बनाने की कोशिश के रूप में देखा था जो सऊदी नीत निष्क्रिय पड़े इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) का विकल्प बन सकता था। सऊदी विदेश मंत्री शहजादे फैसल ने पिछले महीने इस्लामाबाद पहुंचकर सम्मलेन में शामिल न होने के लिए पाकिस्तान का आभार व्यक्त किया था। अब इमरान जनवरी के अंत तक कुआलालंपुर की यात्रा करेंगे।
तुर्की भी है पाकिस्तान से नाराज!
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, माना जाता है कि खान अपनी इस यात्रा में मलेशियाई प्रधानमंत्री को शिखर सम्मेलन से अपने कदम खींचने का कारण बताएंगे। इसके अलावा पाकिस्तान अब तुर्की को भी मनाने की कोशिश कर रहा है। तुर्की ने आरोप लगाया था कि सऊदी अरब की धमकी के चलते पाकिस्तान शिखर सम्मेलन से अलग हो गया। पाकिस्तानी मीडिया की खबरों में कहा गया कि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की अगले महीने होने वाली पाकिस्तान यात्रा दोनों देशों के बीच किसी भी तरह के अविश्वास को खत्म करने में मदद करेगी। (भाषा)