इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल एसेंबली में विश्वासमत प्राप्त करने के पहले रणनीति तैयार करने की खातिर शुक्रवार को अपने सहयोगियों की बैठक बुलाई है। इससे पहले पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के उम्मीदवार और वित्त मंत्री अब्दुल हाफिज शेख को करीबी मुकाबले में सीनेट चुनाव में हरा दिया था। खान के लिए यह बड़ा झटका था जिन्होंने वित्त मंत्री अब्दुल हाफिज शेख के लिए निजी तौर पर प्रचार किया था।
5 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे शेख
ऊपरी सदन के चुनाव में वित्त मंत्री की हार के बाद विपक्षी दलों ने खान के इस्तीफे की मांग की। खान ने पलटवार करते हुए नेशनल एसेंबली में शनिवार को विश्वासमत हासिल करने की घोषणा की। बता दें कि शेख 5 वोटों के अंतर से हार गए थे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शनिवार को संसद का सत्र आहूत किया है जहां खान की पार्टी को अपने सहयोगी दलों की मदद के साथ बहुमत साबित करना होगा। खान के मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (MQM-P), पाकिस्तान मुस्लिम लीग कायदे आजम (PML-Q) और ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस (GDA) के सांसदों के साथ विश्वासमत पर चर्चा करने की संभावना है।
बैठक में क्या चर्चा करेंगे इमरान?
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के बैठक में GDA के उम्मीदवार की हार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने की संभावना है। इसके साथ, वह MQM-P को कराची से संबंधित कुछ मुद्दों पर आश्वस्त करने का प्रयास करेंगे। खान को नेशनल एसेंबली में 171 सांसदों का समर्थन चाहिए क्योंकि सदन में कुल 342 सदस्यों में अभी 340 सदस्य हैं और 2 सीटें खाली हैं। विज्ञान मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि खान आसानी से विश्वासमत हासिल कर लेंगे क्योंकि सीनेट के लिए PTI की महिला उम्मीदवार फौजिया अरशद को बुधवार को 174 वोट मिले थे और वह जीत गई थीं। वहीं, शेख को 164 वोट मिले और वह हार गए।
‘विश्वासमत जीतने का कोई मतलब नहीं’
शिक्षा मंत्री शफाकत महमूद ने कहा कि विश्वासमत की कार्यवाही प्रत्यक्ष तौर पर होगी जिसका मतलब है कि PTI का कोई भी सांसद प्रधानमंत्री के खिलाफ मतदान नहीं कर सकेगा। बहरहाल, विपक्ष के नेताओं ने इसे एक जीत बताते हुए कहा कि खान को विश्वासमत के लिए मजबूर होना पड़ा और हार के बाद उन्हें पद से हटना पड़ेगा। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है और विश्वासमत जीतने का कोई मतलब नहीं रह गया है।’