इस्लामाबाद। दोहरी नागरिकता रखने वाले लोगों के पाकिस्तान में सार्वजनिक पद संभालने को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार (11 सितंबर) को कहा कि प्रवासी पाकिस्तानी देश की सबसे बड़ी संपत्ति हैं । उन्होंने देश के विकास के लिए विदेशों में रह रहे विशेषज्ञों और पेशेवरों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने की जरूरत को रेखांकित किया।
'डॉन' अखबार ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा है, 'मुझे नहीं पता कि लोग क्यों कह रहे हैं कि दोहरी नागरिकता वाले व्यक्ति सार्वजनिक पद संभाल नहीं सकते और मंत्री नहीं बन सकते। पता नहीं वे (लोग) क्यों अदालत जा रहे हैं।' प्रधानमंत्री ने डिजिटल बैंकिंग सुविधा 'रोशन पाकिस्तान डिजिटल अकाउंट' की शुरुआत के दौरान यह टिप्पणी की। इस खाते के जरिए लाखों प्रवासी पाकिस्तानियों को डिजिटल तरीके से धन हस्तांतरण, बिल के भुगतान और निवेश गतिविधियों में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा, 'हमारे पास उनसे (प्रवासी पाकिस्तानी) बड़ी कोई संपत्ति नहीं है। कुशाग्र-क्षमतावान लोग, पेशेवर और उद्यमी देश के बाहर रह रहे हैं। जब हम देश में अनुकूल माहौल बनाएंगे तो यह बड़ी संपत्ति देश लौट आएगी।' खान के मंत्रिमंडल में कम से कम सात ऐसे सदस्य हैं, जिनके पास या तो दोहरी नागरिकता है या उनके पास दूसरे देश में स्थायी निवास का अधिकार है। दोहरी नागरिकता वाले सदस्य गैर निर्वाचित हैं और प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के तौर पर काम कर रहे हैं।
मंत्रिमंडल के सभी गैर निर्वाचित सदस्यों की दोहरी नागरिकता और संपत्ति का विवरण सार्वजनिक किया गया। इसके बाद दोहरी नागरिकता के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों की आलोचना होने लगी। पाकिस्तान में विदेशी नागरिक चुनाव नहीं लड़ सकता है। चुनाव लड़ने के पहले सभी लोगों को अपनी संपत्ति की घोषणा करनी पड़ती है। लेकिन गैर निर्वाचित सदस्यों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।