इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने उस विवादास्पद कानून का अनुमोदन किया है जिसके तहत शक्तिशाली सैन्य बलों की किसी भी तरह की आलोचना या उनका मजाक उड़ाने पर 2 साल कैद या 50 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। नेशनल असेंबली की गृह मामलों की स्थायी समिति ने विपक्षी दलों की तीखी निंदा के बावजूद बुधवार को इस कानून को मंजूरी दे दी। विपक्षी दल इसे मौलिक अधिकारों का विरोधाभासी बता रहे हैं। बता दें कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में सेना की आलोचना ने जोर पकड़ लिया था, और अब कोई ऐसा करता है तो वह कानून का गुनहगार होगा।
लगभग आधे समय तक रहा है सैन्य शासकों का कब्जा
यह भी काफी दिलचस्प है कि अपने गठन के बाद से लगभग आधे समय तक सैन्य शासकों के अधीन रहे पाकिस्तान में कई सरकारों को देश की शक्तिशाली सेना के इशारों पर कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हटाया जा चुका है। पाकिस्तान में तख्तापलट कोई नई बात नहीं है और कई सरकारों को आर्मी जनरलों ने देश की सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया है। पाकिस्तानी दंड संहिता (PPC) में संशोधन के उद्देश्य से लाए गए इस कानून को संसद में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सांसद अमजद अली खान ने पेश किया, जबकि विपक्षी दलों का इसपर कड़ा ऐतराज था।
आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं पीएम इमरान खान
बता दें पाकिस्तान की खस्ताहाल होती अर्थव्यवस्था और महंगाई के मोर्चे पर नाकाम रहने के चलते प्रधानमंत्री इमरान खान को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। FATF ने अभी भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखा है जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर मिली लगातार नाकामियों के चलते देश में इमरान खान की स्थिति जहां कमजोर हुई है वहीं एक बार फिर सेना सत्ता के केंद्र में जाहिर तौर पर आती दिख रही है। हाल के दिनों में जनरल कमर जावेद बाजवा की कई विदेशी नेताओं से मुलाकात को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है।